Madhya Pradesh News: करीब 21 साल बाद अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करने के लिए नेपानगर से बीजेपी की विधायक सुमित्रा कास्डेकर ने 10वीं का फॉर्म भरा था. बुधवार एक मार्च से ही दसवीं की परीक्षाएं मध्य प्रदेश में शुरू हो गई हैं और इधर विधान सभा में बजट भी पेश होना था. ऐसे में बजट सत्र में शामिल होने की वजह से विधायक सुमित्रा कास्डेकर परीक्षा में शामिल नहीं हो पाई. करीब 21 साल पहले उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी. पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्होंने इस बार दसवीं का फॉर्म भरा था.


शुरू हुई 10वीं की परीक्षा
मध्य प्रदेश में कक्षा 10वीं की परीक्षा 1 मार्च से शुरू हो गई है. विधायक सुमित्रा कास्डेकर ने देडतलाई के शासकीय मॉडल हायर सेकंडरी स्कूल से परीक्षा का फार्म भरा था. उन्हें परीक्षा केंद्र बुरहानपुर का शासकीय सुभाष उत्कृष्ट हायर सेकंडरी स्कूल मिला था. यहां वो अन्य विद्यार्थियों के साथ सामान्य छात्रा के रूप में परीक्षा में शामिल होने वाली थीं. परीक्षा में उनके विषय हिंदी, सामाजिक विज्ञान, गणित, संस्कृत, अंग्रेजी और विज्ञान थे.


गांव में नहीं था स्कूल
सुमित्रा कास्डेकर का जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले के सेमाडोह में 15 अगस्त 1983 को हुआ था. स्कूल के दस्तावेजों में उनका नाम बाली सेमलकर दर्ज है. सुमित्रा उनके जन्म का नाम है.  उन्होंने 8 वीं तक शिक्षा प्राप्त की है. गांव में स्कूल नहीं होने के कारण इसके आगे नहीं पढ़ पाईं. 1999 में उनकी शादी देड़तलाई के वेटनरी डॉक्टर राजेश कास्डेकर से हुई. राजेश गायत्री परिवार बुरहानपुर के ट्रस्टी भी हैं. शादी के बाद भी उनकी पढ़ने की इच्छा रही, लेकिन जिम्मेदारियों के कारण वे इसे पूरा नहीं कर पाईं. इस बार कक्षा 10वीं की परीक्षा देने वाली थी. 


विधायक बोलीं- 'अगली बार देखेंगे'
परीक्षा में शामिल ना होने पर विधायक सुमित्रा कास्डेकर का कहना है विधानसभा सत्र है, इसलिए परीक्षा नहीं दें पाए, क्या करें, अगली बार देखेंगे. यहां बजट सत्र में रहना भी काफी जरूरी है. यह एक महीने का सत्र होता है. 27 मार्च तक चलेगा,  हालांकि बीच में मैं नेपानगर भी आऊंगी.


सुमित्रा कास्डेकर का राजनीतिक सफर
सुमित्रा कास्डेकर के भाई साबूलाल सेमलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे. शादी के बाद सुमित्रा ने 2009 में सरपंच का चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाई। इसके बाद 2018 में जनपद सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.  2019 में कांग्रेस के टिकट पर नेपानगर विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत कर विधायक बनीं. बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गईं और 2020 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक चुनी गई. 


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