Madhya Pradesh Budget 2023: मध्य प्रदेश के बजट की लोक लुभावन योजनाओं पर अब तक खूब चर्चा हो चुकी है. अब समय है जानने का की 3 लाख 30 हजार करोड़ कर्ज तले दबी शिवराज सरकार योजनाओं के लिए रकम कहां से लाएगी? आर्थिक विशेषज्ञ कहते हैं कि बजट में राज्य सरकार ने सालाना खर्च पिछली बार से 12 फीसद ज्यादा रखा है. खर्च पूरा करने के लिए सरकार को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 55 हजार करोड़ रुपए ज्यादा कर्ज लेना पड़ेगा. इस हिसाब से मध्य प्रदेश के प्रति व्यक्ति पर कर्ज का बोझ तकरीबन 50 हजार रुपये हो जाएगा.


नए वित्तीय वर्ष में 55 हजार करोड़ कर्ज की और दरकार


माना जा रहा है कि शिवराज सरकार अंधाधुंध कर्ज ले रही है. फरवरी माह के दौरान मध्य प्रदेश सरकार ने किस्तों में 14 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया. नए वित्तीय वर्ष में बजट घोषणाओं को पूरा करने के लिए 55 हजार करोड़ का कर्ज और लेना पड़ सकता है. इस तरह मध्य प्रदेश सरकार का कर्ज बढ़कर 3 लाख 85 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा. फिलहाल मध्य प्रदेश का कर्ज गुजरात और दिल्ली से भी ज्यादा है. बीते 11 महीनों में शिवराज सरकार 25 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है. 


'मुफ्त की रेवड़ी' बांटने में सीएम शिवराज सिंह सबसे आगे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) लगातार फ्रीबी (Freebie) यानी 'मुफ्त की रेवड़ी' बांटने वाली राज्य सरकारों की आलोचना कर चुके है लेकिन, बीजेपी शासित सूबे में भी वोट बटोरने के लिए मुफ्त की योजनाओं की भरमार है.


आर्थिक मामलों के जानकारों की क्या है राय?


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुफ्त की रेवाड़ी बांटने के मामले में सबसे आगे हैं. आर्थिक मामलों के जानकर मानते हैं कि राज्य का लगातार कर्ज के जाल में उलझते जाना संघीय ढांचे की सेहत के लिए ठीक नहीं है.


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