MP Budget: CM शिवराज के बजट पर गुजरात मॉडल की छाप, क्या चुनावी साल में जीत का ताला खोलेगी स्कूटी की चाबी?
MP Budget 2023: शिवराज सरकार के आखिरी बजट को देखकर गुजरात मॉडल की तस्वीर को समझा जा सकता है. मध्यप्रदेश के आखिरी बजट में युवा, महिला और किसान पर फोकस किया गया है.
MP Budget Session 2023: मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) जीतने के लिए बीजेपी (BJP) सिर्फ राजनीतिक तौर पर ही नहीं, विकास के मामले में भी गुजरात मॉडल को अपना रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के कार्यकाल का आखिरी बजट में साफ झलक देखी जा सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए महिलाओं और किसानों को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की थीं. उसी तर्ज पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चल रहे हैं. इसी वजह से मध्य प्रदेश के आखिरी बजट में युवा, महिला और किसान पर फोकस किया गया है.
विधानसभा चुनाव जीतने के लिए शिवराज सरकार का दांव
गुजरात मॉडल पर बोलते हुए मोदी के आर्थिक सलाहकार रहे निरुपम बाजपेई ने विस्तार से समझाया था. बकौल बाजपेई गुजरात मॉडल एक दूदर्शिता यानी फ्यूचरिस्टिक अप्रोच है, एक नई सोच है. मॉडल में गुजरात की जनता के अनुरुप सक्रियता के साथ काम करने का जज्बा है. उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल को दो भागों मे बांटा जा सकता है. एक सामाजिक पिलर और दूसरा आर्थिक पिलर. कृषि के क्षेत्र में गुजरात पिछड़ा हुआ था.
नर्मदा बांध के बाद से निकाली गई नहरों ने खेतों में पानी पहुंचाने का काम किया. कच्छ और भुज की महिलाएं मीलों दूर से सिर पर मटका रखकर पानी लाती थीं. उनकी परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा का पानी कच्छ और भुज तक पाइप लाइन के जरिए पहुंचा दिया. इस एक काम ने मोदी के आर्थिक और सामाजिक पिलर को मजबूत किया. पानी मिलने से गुजरात बीजेपी के लिए अजेय गढ़ बन गया.
कार्यकाल के आखिरी बजट में गुजरात मॉडल की झलक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी गुजरात मॉडल की तर्ज पर आर्थिक और सामाजिक पिलर को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाते हैं. आज बुधवार को विधानसभा में पेश बजट का मूल्यांकन करने से पता चलता है. देखा जा सकता है कि बजट में लड़कियों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए बहुत कुछ है.
शिवराज सरकार की 'सीएम लाडली बहना योजना' केवल बड़ा चुनावी दांव नहीं बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़ी बड़ी आबादी के लिए बड़ी राहत बनेगी. कांग्रेस भी अक्सर लोगों के हाथ में सीधे पैसे देने की बात करती थी. इसलिए उसे भी इस योजना का काट ढूंढना पड़ा. अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी कांग्रेस की सरकार बनने पर शिवराज के एक हजार रुपये की तुलना में महिलाओं को पंद्रह सौ रुपये महीना देने की बात कर रहे हैं.
2008 का का चुनाव शिवराज सिंह चौहान ने लाडली लक्ष्मी योजना के सहारे जीत लिया था. मध्य प्रदेश में शराब के अहाते बंद करने को भी महिला वोट बैंक से जोड़कर देखा जा रहा है. सरकारी स्कूल से फर्स्ट डिवीजन से 12वीं पास करने वाली लड़कियों को ई-स्कूटी का लालच भी नए बजट में दिया गया है. सीएम कन्या विवाह योजना की राशि भी बढ़ा दी गई है. महिलाओं से जुड़ी तमाम योजना में बजट की राशि को भी शिवराज सरकार ने इजाफा कर दिया है.
पीएम मोदी ने सीएम रहते गुजरात में अपनाए थे ये फॉर्मूले
कांग्रेस की किसान कर्ज माफी योजना का कार्ड भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2023-24 के बजट में ले आए हैं. बजट घोषणा में कहा गया है कि सरकारी संस्थाओं के बकायादार किसानों का ब्याज भार सरकार खुद उठाएगी. इस वक्त शिवराज सरकार से युवा बेहद नाराज हैं. बेरोजगारी के खिलाफ युवाओं का राजधानी भोपाल सहित जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन चल रहा है.
इसी नाराजगी को देखते हुए बजट में एक लाख नई नौकरी देने की घोषणा की गई है. बजट को देखकर कहा जा रहा है कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात में मुख्यमंत्री रहते अपनाए गए फॉर्मूले पर चुनावी यात्रा को आगे बढ़ा रही है. लोकलुभावन नीतियों या योजनाओं के कारण मध्य प्रदेश सरकार का कर्ज बढ़कर सवा तीन लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुका है.