MP Budget 2024: 'सभी वर्गों के लिए कमलनाथ सरकार की तुलना में...', अंतरिम बजट पर क्या बोले CM मोहन यादव?
MP Budget 2024: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लेखानुदान को जनता के लिए निराशाजनक बताया है. उन्हेंने कहा इस अंतरिम बजट से स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी सरकार के खाने के दांत और हैं और दिखाने के और हैं.
CM Mohan Yadav on Madhya Pradesh Budget 2024: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार (Mohan Yadav) ने चार महीने के लिए सोमवार (12 फरवरी) को अंतरिम बजट विधानसभा में पेश किया है. यह बजट चार महीने के लिए ही है, इसलिए इसे लेखानुदान या अंतरिम बजट कहा जा रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश अंतरिम बजट 2024 को लेकर कहा कि 'मुझे खुशी है कि हमने अंतरिम बजट में कृषि, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास, ग्रामीण विकास स्वास्थ्य जैसे सभी वर्गों के लिए पिछली कमल नाथ सरकार की तुलना में लगभग दोगुनी राशि रखी है. हमारी सरकार निश्चित रूप से राज्य की भलाई के लिए काम करेगी.'
वहीं उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री और जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में लेखानुदान पेश करने के बाद बताया कि एक अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2024 तक के लिए लेखानुदान पेश किया गया है. वित्त मंत्री ने आगे कहा कि हम जुलाई महीने में पूर्ण बजट लाएंगे. बता दें जगदीश देवड़ा ने 1,45,222 रुपये का अंतरिम बजट पेश किया है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि हमारी सरकार मोदी की गारंटी पर काम कर रही है. हम कोई नई योजना लेकर नहीं आ रहे हैं. अंतरिम बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है.
#WATCH Bhopal, Madhya Pradesh: On Madhya Pradesh Interim Budget 2024, Chief Minister Mohan Yadav said, "I am happy that we have kept almost double the amount in the interim budget for all sections than the previous Kamal Nath government...Our government will definitely work for… pic.twitter.com/vz7R8FheDt
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) February 12, 2024
कमलनाथ ने बीजेपी पर साधा निशाना
इधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लेखानुदान को जनता के लिए निराशाजनक बताया है. मध्य प्रदेश विधानसभा में सोमवार को पेश लेखानुदान वित्तीय औपचारिकता यानी “थोथा चना, बाजे घना” मात्र बनकर रह गया है. वित्त मंत्री ने बीजेपी के घोषणापत्र के वादे पूरे करने की कार्ययोजना तो दूर नियत तक का संकेत नहीं दिया. इस अंतरिम बजट से स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी सरकार के खाने के दांत और हैं और दिखाने के और हैं. बीजेपी जो बातें भाषणों और विज्ञापनों में करती है, उनका कोई जमीनी आधार नहीं है. लेखानुदान से प्रदेश की जनता को निराशा हुई है.