MP By-election: मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने प्रचार में बहाया पसीना
मध्य प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा की कुछ सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. प्रचार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धुंआधार प्रचार किया. एक महीने में उन्होंने 59 जनसभाओं और रैलियों को संबोधित किया.
मध्य प्रदेश की 3 विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव (MP By-election) हो रहा है. वहां 30 अक्तूबर को मतदान और 2 नवंबर को मतगणना होगी. इन सीटों को जीतने के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) और विपक्षी कांग्रेस (Congress) ने जमकर प्रचार किया. मुख्यमंत्री शिवराज चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने इस दौरान 50 से अधिक सभाओं को संबोधित किया. इस दौरान वो लोगों से मिलते जुलते और उनके साथ खाना खाते नजर आए.
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चौहान ने 27 अक्तूबर को सतना जिले की रैगांव सीट पर प्रचार किया. इस दौरान चौहान ने एक गांव में छोटी कोले नाम की एक अदिवासी महिला के घर रात में खाना खाया. चौहान ने छोटी के बनाए खाने की जमकर तारीफ की. पत्रकारों से उन्होंने कहा कि उनके यहां आने का एक मकसद लोगों की गरीबी देखना भी था. वह जानना चाहते थे कि लोग किस हाल में रह रहे हैं.
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मध्य प्रदेश की खंडवा लोकसभा सीट, अलिराजपुर जिले की रैगांव व जोबट और निवारी जिले की पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इन सीटों पर पिछले चुनाव में जीते सांसद और विधायकों के निधन की वजह से उपचुनाव कराना पड़ रहा है.
चौहान ने 29 सितंबर और 28 अक्तूबर के बीच 39 जनसभाओं और 20 रैलियों को संबोधित किया. इस दौरान वो 5 बार गांवों में ग्रामिणों के साथ रहे. इस दौरान उन्होंने लोगों के घरों में रात बिताई, उनके साथ खाना खाया, सरकारी योजनाओं को लागू करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की और आदिवासियों को अपने हेलिकॉप्टर की सवारी कराई.
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अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक 'मध्य प्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बीजेपी के पास 126 विधायकों का स्पष्ट बहुमत है. इसके बाद भी बीजेपी ने उपचुनाव वाली सीटों को जीतने के लिए अपनी सारी ताकत झोंक दी. इन क्षेत्रों में बीजेपी ने अपने 40 विधायकों और 12 मंत्रियों को चुनाव प्रचार के लिए भेजा.
कांग्रेस के 94 विधायक हैं. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने तेल की बढ़ती कीमतों, खाद की किल्लत, बेरोजगारी और राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को मुद्दा बनाया. पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने 9 जनसभाओं को संबोधित किया. उनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और अरुन यादव ने भी चुनावी रैलियां कीं.