MP Latest News: मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने भगवान कृष्ण से जुड़े स्थलों को तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए एक न्यास के गठन के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी. एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मध्य प्रदेश लोक न्यास अधिनियम 1951 के तहत श्री कृष्ण पाथेय न्यास के गठन का निर्णय लिया गया. 


उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में भगवान कृष्ण से जुड़े स्थलों को तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में इस न्यास का गठन किया जाएगा. न्यास को भगवान कृष्ण के मंदिरों की प्रबंधन योजना पर अमल और संदीपनी गुरुकुल की स्थापना के लिए सुझाव आमंत्रित करने के अलावा पवित्र क्षेत्रों के साहित्यिक और सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन का काम सौंपा गया है. इन स्थलों को पर्यटन और अन्य पहलुओं की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाएगा. 


न्यास में 28 सदस्य होंगे, जिनमें 23 पदेन न्यासी सदस्य और पांच विशेषज्ञ गैर-आधिकारिक न्यासी सदस्य के रूप में नामित किए जाएंगे. गैर-सरकारी न्यासी सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष होगा.


ऐतिहासिक मान्यता के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण एमपी में अध्ययन के लिए आए थे. इस दौरान वह उज्जैन सहित प्रदेश के कई जगहों पर गए. अब मोहन सरकार इन जगहों को तीर्थस्थल के रूप मे विकसित करने का फैसला लिया है. इसके लिए बुधवार को मध्य प्रदेश कैबिनेट ने एक न्यास के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है.


राम वन गमन पथ की तर्ज पर होगा काम 


एमपी कैबिनेट के फैसले के मुताबिक जिस प्रकार एमपी में राम वन गमन पथ को लेकर काम हो रहा है, उसी प्रकार कृष्ण पाथेय न्यास सांस्कृतिक धरोहरों की पुर्नस्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.


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