Bhopal News: भोपाल में विधायकों (MLA) से बगैर पूछे ही प्रशासनिक सिस्टम (Administrative System) की ओर से तहसीलों का गठन व विस्तार किया जा रहा था. तहसीलों के इस विस्तार में गांवों व तहसील कार्यालय की दूरी में काफी विषमता आ रही थी. हालांकि, इस प्रस्ताव पर सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की कैबिनेट (Cabinet) ने रोक लगा दी है. अब तहसीलों का विस्तार व गठन विधानसभा चुनाव के बाद ही हो सकेगा.
प्रशासन कर रहा था तैयारी
बता दें कि भोपाल प्रशासन की ओर से चार तहसीलों का गठन व विस्तार किया जा रहा था. इसके लिए बकायादा प्रस्ताव बनाया गया था. इस प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में निरस्त कर दिया गया है. प्रस्ताव को निरस्त करने की वजह बताई गई कि इसमें काफी खामियां हैं. तहसील विस्तार व गठन में ऐसा बंटवारा किया गया है कि इसमें तहसील दफ्तरों से गांवों की दूरी 50 किलोमीटर तक हो गई है.
हुजूर विधानसभा क्षेत्र में यह खामी
तहसील क्षेत्र के विस्तार व गठन की खामी हुजूर विधानसभा में भी है. हुजूर विधानसभा तहसील के गांव समरधा जंगल और कान्हासैया को एमपी नगर तहसील में जोड़ दिया गया है, जिनकी तहसील कार्यालय से एक गांव की दूरी 51 तो दूसरे गांव की दूरी 27 किलोमीटर है. यही स्थित हुजूर विधानसभा के अन्य गांवों बिलखिरिया, पड़रिया, जमुनिया, बगनिया, अमझरा और बगरौदा में भी देखने को मिल रही है.
विधायक कृष्णा गौर से ही नहीं पूछा
इसी तरह भोपाल प्रशासन द्वारा गोविंदपुरा तहसील को समाप्त किया जा रहा था, जिसकी भनक विधायक कृष्णा गौर तक को नहीं है. तहसील कार्यालय से गांवों की दूरी होने की वजह से ग्रामीणों को खासी असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा. विधायक कृष्णा गौर का कहना है कि मेरी विधानसभा से गोविंदपुरा तहसील खत्म हो रही है, उसकी जानकारी मुझे ही नहीं थी. हालांकि अब प्रस्ताव टल गया है.
इधर से उधर जोड़ दिए गए थे गांव
बता दें तहसील विस्तार व गठन में इधर के गांव उधर जोड़े जा रहे हैं. हुजूर तहसील के 30 गांव एमपी नगर, 32 टीटी नगर, 37 हुजूर और करीब 27 गांव बैरागढ़ तहसील में जोड़े गए हैं. बैरसिया तहसील के करीब 60 गांवों को हुजूर में लाया गया है. पहले बैरसिया के 16 गांव हुजूर तहसील में थे. हुजूर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामेश्वर शर्मा का कहना है कि हुजूर तहसील कार्यालय भोपाल बाइपास के मध्यम में बने तो हर गांव की तहसील नजदीक हो सकती है.