MP News: मध्यप्रदेश में कैबिनेट विस्तार की चर्चा के बीच कुछ पुराने चेहरों को भी जगह मिल सकती है. शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ पुराने चेहरों के नाम भी जुड़ सकते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के हस्तक्षेप की खबरें सामने आ रही हैं. मंत्रिमंडल विस्तार के लिए गुजरात चुनाव परिणाम (Gujarat Election Results) आने का इंतजार किया जा रहा है. चुनाव परिणाम आने के बाद शिवराज कैबिनेट में नए मंत्रियों की ताजपोशी होगी. सूत्रों का कहना है कि संघ ने पुराने चेहरों को दरकिनार नहीं करने की सलाह दी है. फिलहाल शिवराज कैबिनेट में चार पद खाली चल रहे हैं.
कैबिनेट विस्तार में कैसे साधा जाएगा समीकरण?
कहा जा रहा है कि परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ पुराने चेहरों को हटाकर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है. हालांकि शिवराज सरकार के लिए बदलाव करना आसान नहीं होगा. सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) से भी सलाह लेनी पड़ सकती है. मंत्रिमंडल विस्तार में जातिगत समीकरण के साथ-साथ नाराज चल रहे विधायकों को मनाने का काम भी किया जा सकता है. विधानसभा चुनाव के पहले मंत्रिमंडल विस्तार कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक तीर से कई निशाने साधना चाहते हैं.
कयास लगाए जा रहे हैं कि ब्राह्मण जनप्रतिनिधि विधायक को मंत्री का एक पद दिया जा सकता है. संभावित नामों की सूची में रीवांचल से पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला का नाम ऊपर है. इंदौर से रमेश मेंदोला को भी मंत्री बनाया जा सकता है. फिलहाल इंदौर में उषा ठाकुर के अलावा तुलसीराम सिलावट भी शिवराज सरकार में मंत्री हैं. लेकिन कैलाश विजयवर्गीय गुट रमेश मेंदोला का नाम आगे कर सकता है.
आदिवासियों के वोट बैंक पर सरकार की नजर
रीवा से पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को मौका मिलने पर रमेश मेंदोला के नाम पर विचार नहीं होगा. शिवराज सरकार आदिवासी वोट बैंक पर भी फोकस कर रही है. आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है. लंबे समय से नाराज चल रहे विधायक अजय वैष्णव को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. पूर्व मंत्री रामपाल सिंह और पारस जैन भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.
हालांकि उज्जैन संभाग से जैन समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे ओमप्रकाश सकलेचा भी मंत्रिमंडल में शामिल हैं, इसलिए पूर्व मंत्री पारस जैन को मौका मिलने में थोड़ी मुश्किल जरूर सामने आ गई है. उज्जैन संभाग से देवास जिले को मंत्री पद मिल सकता है. विधायक गायत्री राजे और मनोज चौधरी में से एक को मंत्री बनाया जा सकता है. इंदौर संभाग से इंदौर शहर मंत्री पद के लिए सुर्खियों में है. ग्वालियर, भोपाल, शहडोल, नर्मदापुरम, सागर संभाग को नए मंत्री मिलने की संभावना कम है. रीवा से राजेंद्र शुक्ला और जबलपुर से अजय विश्नोई का नाम कैबिनेट की सुर्खियों में है.