MP Cabinet Expansion: चुनावी साल में मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार, किस आधार पर होगी छुट्टी और किसे मिलेगा मौका?
Cabinet Exopansion in MP: शिवराज सरकार के कुछ मंत्री ऐसे हैं, जिनकी वजह से BJP की छवि प्रभावित हो रही है. संगठन इससे चिंतित है. ऐसे में एंटी इकंबेंसी को कम करने के लिए नेतृत्व बड़ा कदम उठा सकता है.
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव इसी साल होने वाले हैं और राज्य सरकार के कई मंत्रियों को लेकर जमीनी स्तर पर नाराजगी देखी जा रही है. बताया जा रहा है कि उनका रिपोर्ट कार्ड नकारात्मक आ रहा है. इसी के चलते मंत्रिमंडल में फेरबदल के आसार बने हुए हैं और संभावना है कि होली के बाद बदलाव के साथ मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है.
एमपी में बीजेपी विकास यात्रा निकाल रही है. इन विकास यात्राओं का मकसद हितग्राहियों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ-साथ जमीनी हकीकत का ब्यौरा तैयार करना भी है. राज्य सरकार के कई मंत्रियों के खिलाफ सत्ता के प्रमुख शिवराज सिंह चौहान और संगठन के पास रिपोर्ट आ चुकी है.
'रिपोर्ट कार्ड न सुधरा तो सख्त फैसले लिए जाएंगे'
सरकार और संगठन के पास आए रिपोर्ट कार्ड के आधार पर मंत्रियों के साथ विधायकों को भी लगातार समझाइश दी जा रही है और इशारों-इशारों में यहां तक कह दिया गया है कि उनका रिपोर्ट कार्ड नहीं सुधरा तो सख्त फैसले भी लिए जा सकते हैं.
पार्टी सूत्रों की मानें तो बीते काफी समय से मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद चल रही है. एक तरफ जहां निगम मंडलों में नियुक्ति होना है, वहीं कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में भी जगह दी जानी है. इसके चलते कुछ मंत्री ऐसे हैं, जिनके विभागों में बदलाव किया जाएगा. वहीं कई की छुट्टी भी की जा सकती है.
कुछ मंत्रियों के खिलाफ लगातार आ रहीं शिकायतें
जिन मंत्रियों की छुट्टी होनी है, उसकी बड़ी वजह उनके खिलाफ आ रही शिकायतें हैं. जनता में असंतोष है तो वहीं प्रभार वाले जिलों में उन मंत्रियों ने ज्यादा रुचि नहीं ली है. इससे स्थानीय कार्यकर्ता नाराज तो हैं ही. साथ ही, उन्होंने संगठन को वास्तविक स्थिति से भी अवगत कराया है.
एंटी इकंबेंसी को कम कर ने के लिए उठाए जा रहे कदम
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राज्य सरकार के कुछ मंत्री ऐसे हैं, जिनके क्रियाकलाप से सरकार और पार्टी की छवि प्रभावित हो रही है. यही वजह है कि संगठन इससे चिंतित है. जिन मंत्रियों को लेकर नाराजगी है, उन्हें अगर मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया जाता है या उन्हें कम महत्व के विभाग दिए जाते हैं, तो एंटी इकंबेंसी को काफी हद तक कम किया जा सकता है. यही कारण है कि कई मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है और नए चेहरों को जगह मिल सकती है.
सत्ता और संगठन की मंत्रिमंडल में विस्तार की कई दौर की बातचीत हो चुकी है. संभावना इस बात की बन रही है कि होली के आसपास विस्तार संभावित है. विकास यात्रा के बाद सत्ता और संगठन के पास ऐसे आधार होंगे जिसके सहारे कई मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकेगा.
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