Cabinet Expansion Of Shivraj Singh Chauhan Govt: सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan)सरकार के कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) की खबरें एक बार फिर जोर पकड़ रही है. सभी समीकरण को देखते हुए 6 महीने के लिए नए विधायकों को मंत्री पद मिल सकता है. इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि कुछ मंत्रियों की परफॉर्मेंस के आधार पर छुट्टी भी हो सकती है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में अभी सीएम के साथ कुल 30 मंत्री हैं, जबकि मौजूदा विधायकों की संख्या के मुताबिक चार पद खाली हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान चार और विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिला सकते हैं. इमरती देवी (Imarti Devi), एदल सिंह कंसाना और गिरिराज दंडोतिया मंत्री रहते हुए उपचुनाव में हार चुके हैं. इसी के चलते तीन पद खाली हो गए हैं. इसके अलावा एक और पद शिवराज कैबिनेट में खाली है.
केंद्रीय नेतृत्व से मिली हरी झंडी
इन चारों पदों को भरे जाने की कवायद तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से भी हरी झंडी मिल गई है. मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष, संगठन मंत्री और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं को मंत्रियों के चयन को लेकर सहमति मिल गई है. हालांकि इस बात का फैसला होना बेहद कठिन दिखाई दे रहा है कि किसे मंत्री पद की कुर्सी पर बैठाया जाए ?
ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मंत्रणा
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण ही मध्य प्रदेश में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनी है. यही कारण है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को विश्वास में लेकर ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. यह भी संभव है कि सिंधिया समर्थक दो विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा दो नाम बीजेपी संगठन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से हो सकते हैं. वर्तमान में मध्य प्रदेश के 52 जिलों में जहां भारतीय जनता पार्टी के मंत्री नहीं है, वहां पर प्राथमिकता से विधायकों को मंत्री बनाने पर विचार किया जा रहा है.
इसके अलावा मंत्री बनाने को लेकर जातिगत समीकरण भी साधे जा रहे हैं. बताया जाता है कि चार मंत्री पदों में से एक पद आदिवासी वर्ग के नेता दिया जा सकता है. इसके अलावा ब्राह्मण, ठाकुर और पिछड़ा वर्ग के साथ कांबिनेशन बैठाकर मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है.
सीएम शिवराज और सिंधिया के सामने संकट !
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कई जगह मंत्री पद के लिए विधायकों के चयन को लेकर संकट खड़ा हो सकता है. मालवांचल की बात की जाए तो देवास जिले से वर्तमान में कोई भी मंत्री नहीं बनाया गया है. यहां पर सिंधिया समर्थक मनोज चौधरी का नाम मंत्री पद की सूची में शामिल हो सकता है. हालांकि सिंधिया को गायत्री राजे पंवार और मनोज चौधरी से में से एक को चुनना होगा.
गायत्री राजे पवार के भी सिंधिया परिवार से काफी नजदीकी संबंध रहे हैं. इसी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने भी कई वरिष्ठ नेताओं की सूची है जो उनसे भी वरिष्ठ हैं. ऐसे वरिष्ठ विधायकों के बीच मंत्री पद का चयन करना आसान नहीं होगा.