MP News: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की कैबिनेट में शामिल एक मंत्री मैट्रिक तक भी नहीं पढ़े हैं. इसी तरह 7 मंत्रियों की एजुकेशन ग्रेजुएशन से कम है. वहीं राज्य के सबसे अमीर एमएलए को भी कैबिनेट में जगह मिली है. इस बार 70 साल से अधिक उम्र का कोई विधायक मंत्री नहीं बना है.


कितने पढ़े-लिखे हैं मोहन यादव कैबिनेट के मंत्री?


आइए जानते हैं कि मध्य प्रदेश के नए मंत्रियों की एजुकेशन क्वालिफिकेशन से जुड़ी जानकारी. सबसे पहले बात करते हैं कैबिनेट मिनिस्टर एदल सिंह कंसाना की, जो मध्यप्रदेश के सबसे कम पढ़े-लिखे मंत्री हैं. चुनावी शपथ पत्र के मुताबिक सुमावली सीट से विधायक बने एदल सिंह कंसाना सिर्फ आठवीं पास हैं. उनके पास 2 करोड़ 27 लाख की संपत्ति है. इसके साथ ही चांदला सीट से विधायक दिलीप अहिरवार 10वीं पास हैं. इछावर के करण सिंह वर्मा, ग्वालियर के प्रद्युम्न सिंह तोमर और नारायण सिंह कुशवाहा, कोतमा के दिलीप जायसवाल तथा ब्यावरा के नारायण सिंह पंवार 12वीं तक पढ़े है. डॉ मोहन यादव कैबिनेट में शामिल 12 मंत्री ग्रेजुएट और 9 पोस्ट ग्रेजुएट हैं.


सबसे अमीर चैतन्य कश्यप 


मंत्रियों की संपत्ति के मामले में रतलाम के विधायक चैतन्य कश्यप सबसे आगे हैं. व्यक्तिगत संपत्ति की बात की जाए तो रतलाम सिटी से बीजेपी के टिकट पर जीते चैतन्य कश्यप पूरे प्रदेश में सबसे टॉप पर हैं. चुनावी शपथ पत्र में बीजेपी उम्मीदवार चैतन्य कश्यप ने अपनी निजी चल-अचल संपत्ति 296 करोड़ रुपए बताई थी. वे अब मध्य प्रदेश के सबसे रईस विधायक और मंत्री बन चुके हैं.


सबसे ज्यादा अमीर मंत्रियों की लिस्ट में दूसरे नम्बर पर गोविंद राजपूत (14 करोड़) और तीसरे नंबर पर कृष्णा गौर (10 करोड़) है. सरकार में युवा और अनुभव का तालमेल बिठाने की कोशिश भी की गई है.प्रतिमा बागरी सिर्फ 35 साल की हैं, जबकि सबसे उम्रदराज तुलसी सिलावट और करण सिंह वर्मा हैं.दोनों को उम्र 68 साल है.


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