MP Cabinet Expansion: 18 वर्षों में पहली बार बीजेपी को मध्य प्रदेश का मंत्रिमंडल विस्तार करने में पसीने छूट रहे हैं. अब कहा जाने लगा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार संभव नहीं है. लिहाजा, कई विधायकों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. बता दें कि शिवराज मंत्रिमंडल में अभी चार पद खाली हैं. परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ मंत्रियों की छुट्टी का भी कयास लगाया जा रहा था.


माना जा रहा था कि मंत्रिमंडल में नए लोगों को जगह दी जा सकती है. अब संभावित मंत्री की सूची में शामिल विधायक भी मंत्रिमंडल का फैसला टलने की बात कहने लगे हैं. देवास से विधायक मनोज चौधरी का नाम भी मंत्रिमंडल की सूची में शामिल किए जाने की संभावना थी.


मंत्री बनने की उम्मीद पर फिरा पानी


विधायक मनोज चौधरी के मुताबिक फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार की कोई संभावना नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि नेताओं से ज्यादा मीडिया के पास जानकारी रहती है, मगर अभी कोई ऐसा संकेत नहीं है. कमलनाथ सरकार गिरने के बाद बनी शिवराज सरकार में कई ऐसे वरिष्ठ विधायक और दिग्गज नेता भी मंत्री नहीं बन पाए, जिन्हें जनता मंत्री पद पर देखना चाहती थी.


इनमें गायत्री राजे पंवार, मनोज चौधरी, अजय विश्नोई, संजय पाठक, गौरीशंकर बिसेन, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ल, जालम सिंह पटेल, रमेश मेंदोला, नागेंद्र सिंह और पारस जैन शामिल हैं. अधिकांश नेता पूर्व की बीजेपी की सरकारों में मंत्री रह चुके हैं.


मंत्रिमंडल विस्तार पर दुविधा में BJP


चार खाली पदों के लिए इन नेताओं के बीच से नामों का चयन करना बेहद कठिन काम था. शायद इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार लगातार टलता चला गया. ज्यादातर मंत्रियों के पास दो जिलों का प्रभार है. इसका सबसे बड़ा कारण मंत्रियों की कमी है. विधानसभा चुनाव के दौरान भी विपक्ष मुद्दा बना सकता है.


ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों को मंत्री बनाए जाने की वजह से भी बीजेपी के पुराने मंत्रियों का नाम कट गया. हालांकि मंत्रियों को दो जिले का प्रभार देकर कमी को दूर करने की जरूर कोशिश की गई है. 


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