MP BJP Cabinet: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम 3 दिसंबर को आ गए हैं. तीन दिसंबर से लेकर अब तक बीजेपी में केवल सीएम चेहरे को लेकर ही माथा पच्ची चल रही थी. आज सीएम का चेहरा क्लीयर हो गया, इसके बाद मध्य प्रदेश के मंत्री और राज्यमंत्री किसे बनाए इस पर निर्णय होगा, लेकिन खास बात यह है कि बीजेपी के 163 विधायकों में से एक विधायक ऐसा भी है जिसे मंत्री मंडल के गठन से पहले ही राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है. 


दरअसल, शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की आष्टा विधानसभा से विजयी हुए बीजेपी विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है. दरअसल, गोपाल सिंह इंजीनियर सीहोर जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं. शासन के नियमानुसार जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है. यही कारण है कि प्रदेश के 163 विधायकों में से एकमात्र विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त है. 


चौथी बार में मिली जीत
बता दें, बीजेपी ने इस बार आष्टा विधानसभा से सीटिंग एमएलए रहे रघुनाथ सिंह मालवीय का टिकट काटकर, उनके स्थान पर कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले गोपाल सिंह इंजीनियर को अपना प्रत्याशी बनाया था. गोपाल सिंह इंजीनियर इससे पहले कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि उन्हें तीनों बार ही बीजेपी प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा. अब बीजेपी में शामिल होने के बाद गोपाल सिंह इंजीनियर ने चौथी बार में विजयश्री हासिल की है. 


दल बदलने का मिला था इनाम
गोपाल सिंह इंजीनियर कांग्रेस में बड़े नेता थे. वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए. बीजेपी में शामिल होने का उन्हें इनाम यह मिला कि बीजेपी ने उन्हें सीहोर जिला पंचायत का अध्यक्ष बना दिया और अब विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गोपाल सिंह इंजीनियर को टिकट दिया और जीत हासिल की. गोपाल सिंह इंजीनियर ने मीडिया से चर्चा में बताया कि बीजेपी ने उनका 20 साल का वनवास खत्म कराया है.


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