MP: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के जिस वीडियो को एबीपी न्यूज़ ने सबसे पहले दिखाया, वह अब वायरल हो रहा है. इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय के बयान को एबीपी न्यूज़ ने सबसे पहले दिखाया था, लोग इसे जमकर शेयर कर रहे हैं. दरअसल इंदौर में डेंटल एसोसिएशन के एक कार्यक्रम के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने एक बयान दिया था और उन्होंने कहा था कि आज भी खर्च करने के लिए उनकी पत्नी उन्हें 3000 रुपये से ज्यादा नहीं देती.


मंत्री ने कहा था कि बाहर चाहे उनकी कितनी ही साख हो, लेकिन घर में 3000 रुपये की ही है. इस बयान को एबीपी न्यूज़ के संवाददाता उमेश भारद्वाज ने अपने कैमरे में कैद किया. एबीपी न्यूज़ के इंस्टा आईडी पर सबसे पहले इस बयान को दिखाया गया. उसके बाद यह बयान अब सभी जगह वायरल हो रहा है.






बयानों को लेकर चर्चाओं में रहते हैं कैलाश विजयवर्गीय


बता दें कि इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय की पहली बार इस तरह का बयान नहीं दे रहे थे. इससे पहले भी कैलाश विजयवर्गीय अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं. चुनाव लड़ते वक्त उन्होंने मंच से कहा था की पार्टी ने मुझे ऐसे ही मध्य प्रदेश में नहीं भेजा है. पार्टी में जो कोई बड़ी जिम्मेदारी देगी, उसे मैं ईमानदारी पूर्वक निर्माण करूंगा. चुनाव परिणाम के बाद उन्हें नगरीय प्रशासन मंत्री बनाया गया. इसके अलावा भी कैलाश विजयवर्गी कई बार अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं.


महिलाएं घर चलाती हैं- विजयवर्गीय


कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि किसी भी सरकार के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री सबसे महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय महिलाएं चलाती हैं. उन्होंने कहा कि घरों के अंदर भी फाइनेंस का काम महिलाओं के पास होता है. महिलाएं घर चलाती हैं. उन्होंने आगे कहा, "मैं कभी-कभी मजाक में कहता हूं कि मेरी बाजार में कितनी भी साख हो. घर में तीन हजार रुपये की ही है." उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, "आज भी मुझे मेरी पत्नी तीन हजार रुपये से ज्यादा नहीं देती है. पैसे खत्म हो जाये तो पत्नी बोलती है कि तुमने तीन हजार इतनी जल्दी खत्म कर दिए, मैं कहता हूं कि चार-पांच मंदिर गया था. इस पर वो कहती है कि क्या वहां 500-500 रुपये के नोट चढ़ा दिए तुमने." कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं आपको फाइनेंस का मैनेजमेंट बता रहा हूं.


ये भी पढ़ें: MP Politics: बड़े भाई दिग्विजय सिंह पर लक्ष्मण सिंह का तंज, कहा- 'कांग्रेस जीती तब EVM पर क्यों नहीं उठाए सवाल?'