Karan Singh Verma News: कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद करण सिंह वर्मा ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है. मंत्री बनने के बाद स्वागत समारोह में इछावर विधानसभा पहुंचे करण सिंह वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि ना खाऊंगा ना ही खाने दूंगा. मैं अपने घर से टिफिन लेकर जाता हूं और वही खाता हूं. मंत्री करण सिंह वर्मा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि कोई गड़बड़ी हो तो बता देना. मंत्री करण सिंह वर्मा ने कांग्रेस नेताओं से अपील करते हुए कहा कि विकास में यदि कोई कमी नजर आए तो जरूर बताना.
कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद करण सिंह वर्मा अपने विधानसभा क्षेत्र इछावर पहुंचे, जहां कार्यकर्ताओं द्वारा उनका स्वागत किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री वर्मा ने विश्वास दिलाया कि इछावर के विकास में कमी नहीं आने दी जाएगी. गली-गली में कंक्रीट होगा.
अस्पताल में बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. स्कूल व्यवस्थित होंगे. हम कांग्रेस के लोगों के साथ हैं, हम किसी का बुरा नहीं करेंगे, बल्कि उनसे पूछेंगे कि कोई कमी हो तो बताओ. वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर गरीब और किसान के लिए रोटी-कपड़ा-मकान और दवा की व्यवस्था की है. रोटी के लिए राशन दुकान से फ्री अनाज, मकान के पैसा, आयुष्मान योजना में फ्री इलाज और कपड़े के किसानों को 12 हजार रुपए सम्मान निधि दी जाती है.
करण सिंह वर्मा कैसे बने मंत्री, सुनाई कहानी
कैबिनेट मिनिस्टर करण सिंह वर्मा ने मंत्री बनने की कहानी सुनाई. उन्होंने रहा कि रात को हमारे मुख्यमंत्री जी का फोन आया था तो मैं मोबाईल छोडक़र खेत पर घूमने चला गया था. क्योंकि कोई भी मंत्री बने, मुझे तो हमारे लोगों ने पहले ही मंत्री बना दिया था. सुबह फिर एसडीओ का फोन आया कि प्रमुख सचिव आपसे बात करना चाहते हैं, फिर मैंने फोन लगाया तो मुख्यमंत्री जी ने कहा कि करण सिंह वर्मा सबसे ईमानदार है, मंत्री बनना चाहिए. करण सिंह वर्मा ने कहा कि सब रह गए और हमें बुला लिया. पांच नंबर पर शपथ ली है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री जी और सभी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इछावर का सम्मान दिया है. मैं धन्यवाद देता हूं, प्रणाम करता हूं. मंत्री वर्मा ने कहा कि मंत्री के लिए दिल्ली से नाम आया, ये इछावर का सम्मान है. प्रयास करुंगा कि अंतिम सांस तक ये सम्मान बना रहे.
भ्रष्टाचार का मूल बताया
मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि मैं किसी ऑफिस में जाता हूं तो चाय भी नहीं पीता. इसका कारण है कि अधिकारी या सरपंच अपनी जेब से चाय थोड़ी ना पिलाएगा. वह कहीं न कहीं से इंतजाम करेगा. बस भ्रष्टाचार की शुरुआत यही से होती है. करण सिंह वर्मा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि जहां भी गड़बड़ी हो तो मुझे बता देना, मैं छोडूंगा नहीं.
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