MP New Deputy CM: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के लगभग एक हफ्ते बाद प्रदेश के सीएम और डिप्टी सीएम के नाम पर 11 दिसंबर को मुहर लग गया है. विधानसभा चुनाव के बाद डिप्टी सीएम के नामों का ऐलान हुआ और राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा तो उप मुख्यमंत्री बनाया गया. इस तरह मध्य प्रदेश में बीस साल बाद उप मुख्यमंत्री की खाली कुर्सी फिर से भरने जा रही है. बीजेपी (BJP) तो 54 साल बाद अपनी सरकार में एक नहीं बल्कि दो-दो उप मुख्यमंत्री बनाने जा रही है. 


यहां बताते चले कि मध्य प्रदेश के आखिरी उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव और जमुना देवी थी, जिन्हें मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के दूसरे कार्यकाल में यह दायित्व दिया गया था. हालांकि मध्य प्रदेश को पहले उपमुख्यमंत्री देने का श्रेय जनसंघ (वर्तमान में बीजेपी) को जाता है. गोविंद नारायण सिंह की संविद सरकार में 1967 से लेकर 1969 तक वीरेंद्र सकलेचा उपमुख्यमंत्री थे. बाद में 1978 से लेकर 1980 तक वीरेंद्र सकलेचा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बैठे थे.


20 साल बाद मिले प्रदेश को दो डिप्टी सीएम


मध्य प्रदेश के दूसरे उपमुख्यमंत्री शिवभानु सिंह सोलंकी थे, जिन्हें मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की 1980 में बनी कांग्रेस की सरकार में यह जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद जब दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में 1993 में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी, तब क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए अविभाजित एमपी के छत्तीसगढ़ इलाके से आने वाले नेता प्यारेलाल कंवर को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. इसके बाद जब दिग्विजय सिंह ने 1998 में दोबारा सत्ता में वापसी की तो सुभाष यादव (ओबीसी) और जमुना देवी (आदिवासी) को जातीय संतुलन को देखते हुए उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. अब 20 साल बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश को दो उपमुख्यमंत्री मिलने जा रहे हैं.


मध्यप्रदेश में अभी तक के उपमुख्यमंत्री


वीरेंद्र सकलेचा 1967 से 1969 तक गोविंद नारायण सिंह की संविद सरकार में उपमुख्यमंत्री थे. शिव भानु सोलंकी 1980 से 1984 में अर्जुन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में उप मुख्यमंत्री थे. प्यारेलाल कंवर 1993-1998 तक दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में उप मुख्यमंत्री थे. सुभाष यादव और जमुना देवी 1998 से 2003 तक दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में उपमुख्यमंत्री थे. 


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