MP Cheetah: मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया (Namibia) से आ रहे चीतों (Cheetah) को वन्य अभ्यारण में रखेगी. इस दौरान खुद पीएम नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय वन मंत्री और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के साथ राज्य वन मंत्री कुंवर विजय शाह (Kunwar Vijay Shah) भी मौजूद होंगे. मध्य प्रदेश के वन मंत्री के मुताबिक जल्द ही प्रदेश के जंगलों में जिराफ और जेब्रा भी आने वाले हैं.


मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने बताया की चीतों को प्रदेश में लाने की योजना 2010 से बन रही थी, लेकिन बीच में यह रुक गई. उन्होंने कहा, "मेरे वन मंत्री बनने के बाद इस योजना पर फिर से काम शुरू हुआ और अब नामीबिया से एएमयू होने के बाद चीतों को मध्य प्रदेश लाया जा रहा है. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से भी जल्द एएमयू होने वाला है, वहां से भी लगभग 18 चीते भारत लाए जाएंगे."


नामीबिया से लाए जाएंगे पांच मादा और चार नर चीता
जानकारी के अनुसार 2010 और 2012 के बीच दस साइटों का सर्वेक्षण किया गया. मध्य प्रदेश में कूनो नेशनल पार्क को कम से कम प्रबंधन के बीच चीतों के लिए तैयार माना गया. भारत ने चीतों को आयात करने के लिए जुलाई में नामीबिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया. मध्य प्रदेश के वन मंत्री इसके लिए नामीबिया दौरे पर भी गए थे. इस समझौते के तहत पांच मादा और चार नर चीता को 16 सितंबर को नामीबिया की राजधानी विंडहोक से लाया जाएगा. 17 सितंबर की सुबह जयपुर हवाई अड्डे पर ये चीते पहुंचेंगे, फिर यहां से इन्हें हेलीकॉप्टर से उनके नए घर मध्य प्रदेश के कुनो ले जाया जाएगा.


1952 में भारत सरकार ने देश में चीता को कर दिया था विलुप्त घोषित
मध्य प्रदेश के वन मंत्री ने कहा कि चीतों को लाने के बाद राज्य के जंगलों में जिराफ और जेब्रा भी लाए जाएंगे. इसके लिए भी दक्षिण अफ्रीका से बातचीत चल रही है. जल्द ही एक और एएमयू साइन किया जाएगा. इसके बाद प्रदेश में जिराफ और जेब्रा की भी इंट्री हो जाएगी. कहा जाता है कि मध्य प्रदेश में कोरिया के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने 1947 में देश में अंतिम तीन चीतों को मार डाला था. इसके बाद 1952 में भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर देश में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया था, लेकिन अब भारत में 70 साल बाद चीता युग लौट रहा है.


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चीतों को विशेष बाड़े में अपने जन्मदिन पर छोड़ेंगे पीएम
मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने बताया कि नामीबिया से आठ चीते 17 सितंबर को भारत पहुंचे जाएंगे. उन्हें नामीबिया से कार्गो विमान के जरिए जयपुर लाया जाएगा. फिर वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए उसी दिन मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान लाया जाएगा. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. पीएम अपने जन्मदिन पर इन चीतों को उद्यानों में बनाए गए विशेष बाड़े में छोड़ेंगे. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, सहित बड़े नेता मौजूद होंगे. जानकारी के मुताबिक कूनो पहुंचने के बाद चीतों को 30 दिनों तक एक बाड़े में रखा जाएगा. इस दौरान उनकी सेहत पर नजर रखी जाएगी. इसके बाद इन्हें छोड़ा जाएगा.


वन मंत्री बोले- होने चाहिए 25-30 चीते
प्रदेश के वन मंत्री ने कहा कि इकोलॉजिकल बैलेंस बनाए रखने के लिए कम से कम 25-30 चीते यहां होने चाहिए, इसलिए नामीबिया के बाद अब जल्द ही दक्षिण अफ्रीका से भी चीते मध्य प्रदेश लाए जाएंगे. दक्षिण अफ्रीका से भी अब एमओयू साइन होने वाला है. चीतों का शिकार बढ़ जाने के कारण उनकी प्रजाति संकट में आ गई थी. मध्य प्रदेश में कोरिया के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने 1947 में देश में अंतिम तीन चीतों को मार डाला था. इसके बाद 1952 में भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर देश में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया था, लेकिन अब 70 सालों बाद एक बार फिर से मध्य प्रदेश के जंगलों में चीतों की आवाज गूंजेगी.


'अकबर के शासनकाल में देश में थे करीब 1,000 चीते'
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) के उपाध्यक्ष रह चुके दिव्य भानु सिंह की पुस्तक 'द एंड ऑफ ए ट्रेल - द चीता इन इंडिया' के अनुसार मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल 1556 से 1605 के दौरान देश में करीब 1,000 चीते थे. इन चीतों का इस्तेमाल काले हिरण और चिकारे के शिकार के लिए किया जाता था. दिव्य भानु सिंह की पुस्तक में दावा किया गया कि अकबर के बेटे जहांगीर ने पाला के परगना में चीतों की मदद से 400 से अधिक हिरणों को पकड़ा था.


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