MP Corona: कोविड -19 संक्रमणों के आयुवर्ग विश्लेषण से पता चला है कि तीसरी लहर में 20 वर्ष से कम आयु के बच्चों में संक्रमण की हिस्सेदारी दूसरी लहर की तुलना में 11.50 फीसदी से थोड़ी कम थी. एमजीएम बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. हेमंत जैन ने कहा कि “ज्यादातर मामलों में बच्चों को उनके परिवार के सदस्यों से संक्रमण हुआ. जिनका शुरू में यात्रा इतिहास रहा था. बाद में संक्रमण आबादी में फैल गया और सभी आयु समूह के लोग इससे संक्रमित होने लगे.
कोरोना से बचने के लिए प्रोटोकॉल का पालन जरुरी
इस बार संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या कम होने पर डॉ. जैन ने कहा कि इस बार सेकेंड वेव की तुलना में मामूली अंतर है. इस बार संक्रमण में कोई लक्षण नहीं था और बच्चे अन्य जनसंख्या समूहों की तरह बिल्कुल ठीक रहे. कोविड-19 से संक्रमित बच्चों में अधिकांश अस्पताल में भर्ती प्रोटोकॉल के कारण होते हैं न की चिकित्सा की जरूरत के कारण. हालांकि लोगों को मास्क का उपयोग करना जारी रखना चाहिए. भीड़ वाली जगहों से बचना चाहिए. वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सामाजिक दूरी और अन्य मानदंडों का पालन करना चाहिए.
बच्चों को हो पूर्ण टीकाकरण
बच्चों के टीकाकरण में देरी के बारे में डॉ. जैन ने कहा कि इंदौर में अभी भी बच्चों का एक बड़ा हिस्सा है जिन्होंने अपनी पहली खुराक नहीं ली है. सभी पात्र बच्चों को पूर्ण टीकाकरण के लिए अपनी दूसरी खुराक लेने के लिए आगे आना चाहिए.
बच्चों में संक्रमण के जनवरी के आंकड़े
इस साल जनवरी में तीसरी लहर में 20 वर्ष से कम आयु के लगभग 5300 बच्चे 31 दिनों में संक्रमित हुए. जबकि पिछले साल लगभग 47 दिनों में 7600 से अधिक बच्चे संक्रमित हुए थे.
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