MP News Today: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में बड़ा ऐलान किया है. इसके तहत सफाई के क्षेत्र में अलग-अलग श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त करने वाले सफाई मित्रों को एक से तीन हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि सरकार देने वाली है. 


इसके अलावा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में पाषाण (पत्थर) शिल्प को बढ़ावा देने के लिए शिल्पकारों को भी प्रोत्साहन देने का ऐलान किया है.


सफाई में एमपी को तीन पुरस्कार
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को लेकर देशभर में जो अभियान चलाया है, उस अभियान के तहत मध्य प्रदेश को तीन पुरस्कार मिले हैं. 


सीएम मोहन यादव ने कहा, "देश के सभी स्वच्छ प्रदेशों में मध्य प्रदेश का नाम दूसरे नंबर पर है, जबकि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को स्वच्छता के मामले में देश की राजधानियों में तीसरे नंबर पर रखा गया है." 


उन्होंने कहा कि देश में सात बार से स्वच्छ शहरों में इंदौर नंबर वन पर है. इस प्रकार मध्य प्रदेश को स्वच्छता के मामले में तीन महत्वपूर्ण पुरस्कार मिल चुके हैं. 


कर्मियों को कितता मिलेगा प्रोत्साहन?
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वच्छता श्रेणी विभाजित करते हुए अलग-अलग वर्गों में बांटा है. उन्होंने कहा कि पहली श्रेणी में आने वाले शहर के सफाई कर्मियों को 1 हजार, दूसरी श्रेणी में आने वाले सफाई कर्मियों को 2 हजार, तीसरी श्रेणी के सफाई मित्रों को 3 हजार की प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा दी जाएगी.  


पत्थर शिल्प को बढ़ावा देने का ऐलान
इसी मौके पर सीएम ने पत्थर यानी पाषाण शिल्प को भी बढ़ावा देने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि उज्जैन में पाषाण की मूर्तियों का निर्माण कार्य भी होगा. इससे लोगों को रोजगार में मिलेगा और धार्मिक नगरी उज्जैन में तैयार की गई मूर्तियां देशभर के धार्मिक स्थलों तक पहुंचेगी.


मंदिरों में चढ़ने वाले पुष्प बनेंगी ये चीजें
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की प्रेरणा से महाकालेश्वर मंदिर में निकलने वाले पुष्प और पूजन सामग्री से अगरबत्ती और अन्य सामग्री तैयार की जा रही है. 


सीएम मोहन यादव ने ऐलान किया कि इस तरह की प्रणाली सभी मंदिरों में लागू की जाएगी, जिससे मंदिर में चढ़ने वाले पुष्प और अन्य पूजन सामग्री का उपयोग हो सके. इससे लोगों की भावनाएं भी आहत नहीं होंगी.


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