MP News: 20 जनवरी से हटेगा भोपाल का BRTS कॉरिडोर, सीएम मोहन यादव ने दिए निर्देश
Bhopal News: सीएम यादव ने कहा कि यातायात में सुगमता और जन सुविधा के लिए इसे हटाने का निर्णय लिया गया है. जहां ट्रैफिक का दबाव सर्वाधिक हो, वहीं से कॉरिडोर हटाने का कार्य आरंभ किया जाएगा.
Bhopal Trafic News: राजधानी भोपाल की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए नासूर बन चुके बीआरटीएस (BRTS) को हटाने का काम 20 जनवरी से शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज बुधवार को भोपाल को बीआरटीएस से मुक्त करने के फाइनल प्लान पर चर्चा की.उन्होंने कहा कि जहां ट्रैफिक का दबाव सर्वाधिक हो, वहीं से बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का कार्य आरंभ किया जाए.
यहां बताते चलें कि भोपाल के बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की मांग स्थानीय जनप्रतिनिधि लंबे समय से कर रहे थे. नई सरकार बनने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राजधानी भोपाल के बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का आदेश दे दिया था. आज बुधवार (17 जनवरी) को भोपाल में मंत्रालय में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राजधानी के बीआरटीएस कॉरिडोर (BRTS) को हटाने के संबंध में नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी जी एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में तय किया गया कि भोपाल के बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का कार्य बैरागढ़ से आरंभ किया जाएगा.
आज मंत्रालय में भोपाल BRTS कॉरिडोर को हटाने के संबंध में नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्रीमती @PratimaBagri जी एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। भोपाल के बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का कार्य बैरागढ़ से आरंभ किया जाएगा।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 17, 2024
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'तय समय सीमा में होना चाहिए हटाने का काम'
सीएम यादव ने कहा कि यातायात में सुगमता और जन सुविधा के लिए इसे हटाने का निर्णय लिया गया है. जहां ट्रैफिक का दबाव सर्वाधिक हो, वहीं से कॉरिडोर हटाने का कार्य आरंभ किया जाएगा. जन सुविधा को देखते हुए कॉरिडोर हटाने का कार्य रात में हो. पुलिस से समन्वय करते हुए इस संपूर्ण अवधि में शहर में सुगम तथा सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि बीआरटीएस हटाने का काम तय समय सीमा में होना चाहिए.
15 साल पहले 360 करोड़ रुपए किए थे
यहां बताते चले कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तब के सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने साल 2009 में बीआरटीएस (Bus Rapid Transit System) कॉरिडोर के लिए निविदाएं जारी की थीं. साल 2011 में एक संशोधित डीपीआर (DPR) के बाद इसे मंजूरी दे दी गई. इसके बाद 27 सितंबर 2013 को बीआरटीएस का काम पूरा हुआ. इसमें मिसरोद से लेकर संत हिरदाराम नगर (पूर्व में बैरागढ़) तक 24 किलोमीटर के कॉरिडोर का निर्माण पूरा किया गया. शिवराज सरकार ने इस प्रोजेक्ट में करीब 15 साल पहले 360 करोड़ रुपए खर्च किए थे.
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