MP Government News: मध्य प्रदेश में बीजेपी की नई सरकार के मुखिया डॉ मोहन यादव के कामकाज का अंदाज थोड़ा जुदा है. सरकार का अभी एक महीने का कार्यकाल भी नहीं हुआ है लेकिन अब तक दो जिलों के कलेक्टर गलती के लिए अपनी कुर्सी गंवा चुके है. कहा जा रहा है कि यह सरकार फिलहाल जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है, जिसकी तारीफ विपक्षी कांग्रेस के नेता भी कर रहे हैं.


ताजा मामला शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल का है, जिन्हें एक ड्राइवर से बदतमीजी से बात करने पर कुर्सी से हाथ धोना पड़ा. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस मामले में बेहद संवेदनशीलता से काम किया. उन्होंने शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल को हटाते हुए कहा कि "सभी के काम और भाव का सम्मान होना चाहिए. शाजापुर में ट्रक ड्राइवर से जुड़ी घटना में कलेक्टर को पद से हटाया गया है. यह सरकार गरीबों की सरकार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम गरीब कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं. अधिकारियों को अपनी भाषा और व्यवहार का ध्यान रखना चाहिए."






'औकात पूछने का अधिकार नौकरशाहों को नहीं'
वहीं, मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सीएम डॉ मोहन यादव के इस फैसले की तारीफ करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना भी साधा. सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि "शाजापुर कलेक्टर किशोर कान्याल को एक ड्राइवर भाई की औकात दिखाने पर उनके पद हटाया जाना अच्छी बात है! लोकतंत्र में जनता से उसकी औकात पूछने का अधिकार नौकरशाहों को नहीं है!"


कलेक्टर को गलती की सजा मिली 
उन्होंने आगे लिखा कि,"जनता सर्वोपरि थी, सर्वोपरि है और हमेशा रहेगी! शाजापुर कलेक्टर को 'औकात' पूछने की सजा दी जाना सही फैसला है. शिवराज-राज के बेलगाम कलेक्टरों को एक-एक करके निपटाया जाना गलत भी नहीं है! गुना कलेक्टर को बस हादसे की सजा मिली तो शाजापुर कलेक्टर को भरी मीटिंग में अपनी ताकत दिखाने की! गंदगी के खिलाफ स्वच्छता अभियान तो चलना ही चाहिए!"



जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है सरकार
भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को मध्य प्रदेश में सुशासन में जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने के लिए कहा है. कहा जा रहा है कि जिन दो जिलों के कलेक्टरों को पद से हटाया गया था, उसका संदेश भी केंद्रीय नेतृत्व से आया था. गुना में बस दुर्घटना में 13 यात्रियों की मौत के बाद सीएम मोहन यादव ने कलेक्टर तरुण राठी को तत्काल पद से हटा दिया था. इसके साथ ही परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह को भी हटाया गया. इसके बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर संजय झा और गुना एसपी पर भी गाज गिरी. इसी तरह जबलपुर में धान खरीदी घोटाले में नागरिक आपूर्ति निगम के आम के साथ जिला खाद्य नियंत्रक और मार्कफेड के डीएम को भी सस्पेंड कर दिया गया था.


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