Ujjain News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के बाद क्षिप्रा नदी को प्रवाहमान बनने और प्रदूषण से रोकने के लिए दो योजनाओं का काम तेजी से शुरू हो गया है. सरकार दोनों योजनाओं पर 1500 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च कर रही है. 30 महीने में दोनों ही कार्य पूर्ण होने का लक्ष्य रखा गया है.


उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सिंहस्थ 2028 के लिए  क्षिप्रा नदी के शुद्धिकरण के लिए महत्वपूर्ण कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना और  शिप्रा नदी के निरंतर प्रवाहमान के लिए सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना के साथ कई कार्य धरातल पर उतारे जा रहे हैं. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप जल संसाधन विभाग के कार्यों को गति प्रदान की जा रही है 


कान्ह का दूषित जल नहीं मिल सकेगा क्षिप्रा में
कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग मयंक सिंह ने बताया कि 919.94 करोड़ लागत की कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना के कार्य मौके पर प्रारंभ हो गए हैं, जिसमें ग्राम बमोरा और देवराखेड़ी में टनल बिछाने के लिए खुदाई और ग्राम जमालपुर में कट एंड कवर का कार्य जारी है. उन्होंने बताया कि यह परियोजना सिंहस्थ के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी. सन 2052 तक के सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना में 40 क्यूमैक्स जल बहाव क्षमता का भूमिगत क्लोज डक्ट का निर्माण किया जा रहा हैं, जिससे जमालपुर के समीप कान्ह नदी पर बैराज निर्माण कर दूषित जल को टनल में भेजा जाएगा, जिससे कान्ह का दूषित जल क्षिप्रा में नहीं मिल सकेगा.


सेवरखेड़ी-सिलारखेडी मध्यम सिंचाई परियोजना
क्षिप्रा नदी को निरंतर प्रवाहमान बनाए रखने लिए सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 614.53 करोड़ की विभाग को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई हैं,  जिसकी कार्य एजेंसी निर्धारित कर जल्द मौके पर कार्य प्रारंभ किया जा रहा है.


परियोजना में सेवरखेड़ी में बैराज का निर्माण कर मानसून के समय बैराज से 51 मिली घन मीटर जल को लिफ्ट कर सिलारखड़ी जलाशय में डाला जाएगा, जिसके लिए सिलारखेड़ी जलाशय का विस्तार भी किया जाएगा. परियोजना से ग्रीष्म ऋतु में भी क्षिप्रा नदी प्रवाहमान बनी रहेगी. परियोजना को पूर्ण करने के लिए 30 माह लक्ष्य निर्धारित किया गया. 


 कान्ह और क्षिप्रा नदी पर बनाए जाएंगे बैराज
क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिए कान्ह नदी पर 5 और क्षिप्रा नदी पर 1 बैराज का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए कुल 36.6 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसमें 6.24 करोड़ की लागत से गोठड़ा स्टॉपडेम, 5.06 करोड़ की लागत से पिपलिया राघो  बैराज, 6.35 करोड़ की लागत से रामवासा बैराज , 4.56 करोड़ की लागत से जमालपुरा स्टॉपडेम, 5.74 करोड़ की लागत से पंथपीपलई स्टॉपडैम और क्षिप्रा नदी पर 8.71 करोड़ की लागत से किठोदाराव बैराज का निर्माण किया जाएगा.


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