MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ  मोहन यादव बुधवार (4 सितंबर) को अपने पिता पूनम चंद यादव को मुखाग्नि देने के बाद सीधे घर पहुंचें, इसके बाद उन्होंने धार, झाबुआ और ग्वालियर के कलेक्टर से बातचीत की.


मुख्यमंत्री डॉ  मोहन यादव ने तीनों जिलों में हुई घटना को लेकर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिए. उन्होंने पीड़ित लोगों को आर्थिक मदद देने का भी ऐलान किया.


सीएम ने जिला कलेक्टर को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ग्वालियर, धार और झाबुआ जिलों में हुई अलग-अलग घटनाओं के संबंध में यहां के कलेक्टरों से दूरभाष पर चर्चा कर जानकारी प्राप्त की और आम नागरिकों की राहत के लिए आवश्यक निर्देश दिए. 


सीएम मोहन यादव ने झाबुआ कलेक्टर को निर्देश दिया कि दो बच्चियों के बह जाने से उनके परिवार को चार- चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो यह भी ध्यान रखा जाए. 


मुख्यमंत्री डॉ यादव ने ग्वालियर कलेक्टर से चर्चा कर ट्रॉमा सेंटर की घटना की जानकारी प्राप्त की. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कलेक्टर को निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसी घटना न हो, इस संबंध में सतर्कता बरती जाए और समस्त स्टॉफ सजग रह कर अपने दायित्व का निर्वहन करें. 


मुख्यमंत्री ने निभाया राजधर्म 
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिता का मंगलवार (3 सितंबर)  को निधन हो गया था. बुधवार (4 सितंबर) को पिता के अंतिम संस्कार के बाद उज्जैन स्थित निवास से उन्होंने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में घटित घटनाओं के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर नागरिकों के हित में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.


मुख्यमंत्री डॉ यादव के पिता के निधन के बाद शोक व्यक्त करने आए नागरिकों अलग-अलग संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट की. इस दौरान राजधर्म का पालन करते हुए प्रदेश की स्थिति पर नजर भी रखे हुए हैं. वह लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से दूरभाष पर बातचीत भी कर रहे हैं.


एमपी सरकार इन्हें करेगी सम्मानित
धार जिले में डही विकासखंड के ग्राम बड़वानिया में जनजातीय बालक आश्रम के परिसर में बारिश का पानी भरने से यहां के विद्यार्थियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस घटना का भी मुख्यमंत्री ने त्वरित संज्ञान लिया. घटना के संबंध में कलेक्टर ने बताया कि समय रहते हैं, बच्चों को बचा लिया गया. 


सीएम मोहन यादव ने निर्देश दिया कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो, इसके लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि धार जिले की घटना में जिन सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों के जरिये सेवा प्रदान की गई और बच्चों के जीवन के रक्षा के लिए सक्रियता और सजगता का परिचय दिया, उन्हें राज्य सरकार पुरस्कृत और सम्मानित करेगी.


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