'मां नर्मदा के किनारे धार्मिक स्थलों को मांस-मदिरा की बिक्री से मुक्त...', सीएम मोहन यादव ने दिया आदेश
Narmada River MP: नर्मदा नदी की कुल लंबाई 1312 किमी है, इसका 1079 किमी हिस्सा मध्य प्रदेश में है. यह एमपी के एक बहुत बड़े हिस्से की प्यास बुझाती है. इसलिए इसको 'एमपी की जीवन रेखा' कहा जाता है.
MP News Today: नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा माना जाता है. नर्मदा नदी का धार्मिक रुप से भी बहुत महत्व है. इसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अधिकारियों को अहम आदेश दिया है. इसके तहत नर्मदा नदी के किनारे स्थित धार्मिक शहरों के साथ इसके आसपास मांस और शराब के इस्तेमाल रोक लगाने को कहा है.
नर्मदा नदी के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके किनारे कुल 21 जिले, 68 तहसील, 1138 गांव और 1126 घाट के साथ-साथ 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो 'शक्ति पीठ' हैं. इससे पहले शुक्रवार (13 सितंबर) को सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों के साथ एक बैठक में नर्मदा नदी के आसपास पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी आदेश दिया थी.
मां नर्मदा के किनारे स्थित धार्मिक स्थलों को मांस-मदिरा की बिक्री से मुक्त रखा जाएगा : CM@DrMohanYadav51#CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/gPRXl93WKd
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) September 14, 2024
सीएम ने दिये ये आदेश
अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम मोहन यादव ने कहा था कि नर्मदा के उद्गम स्थल यानी अनूपपुर जिले के अमरकंटक को पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसके अलावा नर्मदा नदी के किनारे बसे धार्मिक शहरों और जगहों के आसपास मांस और शराब के सेवन पूरी तरह से रोक रहे, इसको हर हाल में सुनिश्चित किया जाए.
इस बैठक में सीएम ने ये भी आदेश दिया कि भविष्य बस्तियों के बसावट नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से दूर किया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने नर्मदा में सीवेज पर रोक लगाने और ठोस वेस्ट मैनेजमेंट के रखरखाव के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी इस्तेमाल पर जोर दिया. उन्होंने नदी के पर्यावरण संरक्षण की निगरानी के लिए सैटेलाइट टेक्नोलॉजी और ड्रोन को तैनात करने का आदेश दिया.
खनन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नर्मदा नदी में मशीनों से होने वाली खनन गतिविधियों को पूरी तरह प्रतिबंधित करने को भी कहा है. उन्होंने कहा कि नर्मदा दुनिया अकेली ऐसी नदी है, जिसकी भक्त 'परिक्रमा' करते हैं. इसकी महत्ता को देखते हुए इसको प्रमुख धर्म और पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किए जाने की जरुरत है.
नर्मदा नदी पर मौजूद परिक्रमा स्थलों को चिह्नित करके स्थानीय पंचायतों और समिति के जरिये इसके बुनियादी ढांचों को विकसित करने का भी मुख्यमंत्री ने आदेश दिया. सीएम मोहन यादव ने स्थानीय युवकों और स्वयं सहायता समूहों के परिक्रमा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के खाने की व्यवस्था और होमस्टे जैसे इंतजाम करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरुरत पर जोर दिया.
एमपी के बड़े भूभाग की बुझाती है प्यास
बता दें, नर्मदा नदी न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश के लोगों के लिए धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है. यह मध्य प्रदेश के एक बहुत बड़े भू-भाग की प्यास बुझाती है और लाखों लोगों की आजीविका का साधन है. नर्मदा नदी की कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है, जबकि इसका 1079 किलोमीटर यह सिर्फ मध्य प्रदेश में बहती है.
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