Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने का लक्ष्य रखा है. इसी के चलते सरकार अलग-अलग रणनीतियों पर काम कर रही है. एक तरफ जहां सरकारी कॉलेज की संख्या बढ़ाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ निजी कॉलेज पर निवेश करने वाले निवेशकों को भी सुविधा प्रदान कर रही है. इसी कड़ी में प्रदेश में इसी साल 12 मेडिकल कॉलेज पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) योजना के तहत चालू किए जाएंगे.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सिवनी में इसी साल 300 करोड़ के नए मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकार अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इस साल मध्य प्रदेश को तीन नए शासकीय मेडिकल कॉलेज मिल रहा है. इनमें नीमच, मंदसौर के मेडिकल कॉलेज शामिल है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले साल तक मध्य प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेज की संख्या 25 हो जाएगी, जबकि सरकार इसी साल 12 नए मेडिकल कॉलेज पीपीपी योजना के तहत चालू करने की कोशिश कर रही है. इस प्रकार अगले साल एमपी में मेडिकल कॉलेज की संख्या 37 पहुंच जाएगी. इसके अतिरिक्त छह अन्य निजी मेडिकल कॉलेज भी बना रहे हैं. इस संख्या को भी जोड़ दिया जाए तो अगले साल तक 47 मेडिकल कॉलेज मध्य प्रदेश संचालित होते नजर आएंगे, जो कि स्वास्थ्य व्यवस्था और चिकित्सकों की कमी दोनों के लिए ही काफी सुधार की दिशा में आवश्यक होंगे.


क्या होता है पीपीपी योजना आधारित मेडिकल कॉलेज?
मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार ने हाल ही में कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया है, जिसमें मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए अस्पताल की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. दरअसल, मेडिकल कॉलेज खोलने में एक अस्पताल की आवश्यकता होती है. अस्पताल और मेडिकल कॉलेज दोनों का खर्च मिला लिया जाए तो यह निवेश 500 करोड़ के आसपास पहुंच जाता है. इसी वजह से मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए हर निवेशक काफी सोच विचार करने के लिए मजबूर हो जाता है. 


सरकार अब पीपीपी मॉडल अर्थात पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर अपना मन बना चुकी है. इसमें मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए केवल कॉलेज का भवन ही तैयार करना होगा. इसके लिए अस्पताल की आवश्यकता शासकीय चिकित्सालय पूरी करेंगे. मध्य प्रदेश के हर जिले में शासकीय चिकित्सालय है जो कि मेडिकल कॉलेज से अटैच हो जाएंगे, मगर मेडिकल कॉलेज के निवेशक को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना इस शर्त में शामिल होगा.


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