Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) बुधवार (17 जनवरी ) को इंदोर दौरे पर थे. इंदौर में सीएम ने बड़ा गणपति से लेकर राजवाड़ा तक रोड शो किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों के साथ चाय भी पी. रोड शो के दौरान इंदौर के राजवाड़ा पर राम मंदिर की प्रतिकृति भी बनाई गई थी, जिसे सीएम गौर से देखा. करीब ढाई घंटे के रोड शो में हजारों की संख्या में लोगों ने सीएम मोहन यादव पर फूल बरसाए. यहां से निकलने के बाद सीएम विश्राम बाग पहुंचे, जहां उन्होंने राम मंदिर की प्रतिकृति का अनावरण किया.
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार औपचारिक तौर पर डॉ मोहन यादव का इंदौर में स्वागत किया गया. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सबसे पहले बड़ा गणपति पर मंदिर के दर्शन किए और पूजा पाठ किया. इसके बाद सीएम यहां से रथ में सवार होकर जन आभार यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ इंदौर जिले के सभी विधायक मौजूद रहे. सीएम के साथ नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी नजर आए और उन्होंने भी लोगों का अभिवादन किया.
राम मंदिर की प्रतिकृति का किया अनावरण
वहीं रास्ते भर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव और सभी विधायकों का लोगों ने फूल और मालाओं से स्वागत किया. रास्ते में राम मंदिर की झांकी भी बनाई गई थी. यात्रा के दौरान सीएम ने चाय भी पी. रोड शो खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव विश्रम बाग पहुंचे और यहां पर 21 टन लोहे के स्क्रैप से बने राम मंदिर की प्रतिकृति का अनावरण किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रभु श्री राम ने बड़ी ही सादगी से रावण के साथ महायुद्ध लड़ा और यह बात साबित की की युद्ध साधनों से नहीं बल्कि आत्मविश्वास से लड़ा जाता है.
इंदौर को सीएम ने दी ये सौगात
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर नए-नए प्रयोग करता है और मैं सभी से अपील करता हूं कि आगामी 22 जनवरी को श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को दीपावली की तरह मनाएं. इस दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इंदौर के हुकुमचंद मिल के मजदूरों को बहुत बड़ी सौगात दी है. साथ ही यातायात प्रबंधन के लिए नवलखा चौराहा से एलआईजी चौराहा तक एलिवेटेड बीच का भूमि पूजन किया गया है. मुख्यमंत्री द्वारा वेस्ट टू आर्ट की प्रतिकृति और 21 टन से अधिक वजनी श्री राम मंदिर का लोकार्पण किया है.
21 टन लोहे से तैयार हुआ मंदिर
इंदौर में भी अयोध्या के राम मंदिर के तर्ज पर लोहे के कबाड़ से भारत की पहली लोहे के स्क्रैप से बनी राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई है. इस प्रतिकृति को बनाने में कुल 20 मजदूरों ने दिन रात मेहनत की है. खास बात यह है कि इस प्रतिकृति को बनाने वाले मजदूरों में मुस्लिम मजदूर भी हैं. इंदौर में अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति को 21 टन लोहे के स्क्रैप से तैयार की गई है. इस प्रतिकृति की ऊंचाई 27 फीट, चौड़ाई 26 फीट और लंबाई 40 फीट है.
मंदिर की दीवारों पर नजर आएंगे श्लोक
इसमें खास बात यह है कि यह वेस्ट हो चुके लोहे से बनाया गया है. इस राम मंदिर को बनाने में स्क्रैप लोहे के पुर्जे जैसे कि पुराने वाहनों के चेचिस, स्ट्रीट लाइट्स के पुराने खम्भे, पुराने खराब झूले, पुरानी टूटी हुई फिसलपट्टिया, पुराने वाहनों के चद्दर, पुरानी गाड़ियों के गियर पार्ट्स, नट-बोल्ट्स, पार्कों की टूटी फूटी ग्रिल, गेट्स आदि पुराने लोहे का उपयोग किया गया है.विश्राम बाग में जहां श्रीराम मंदिर अयोध्या की प्रतिकृति बनाई जा रही है, उसके ठीक नीचे वाटर बॉडी है. यहां प्रतिकृति बनने के बाद नीचे पानी से लेकर मंदिर के प्रतिकृति के गुम्बद तक का नजारा बहुत ही खूबसूरत दिखाई देगा. रात को लाइटिंग में इसकी भव्यता, दिव्यता और सुंदरता देखते ही बनती है. मंदिर की दीवारों पर श्लोक नजर आते हैं.
जल्द शुरू होगा फिनिशिंग का काम
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से प्रेरित होकर ही उन्हें विश्राम बाग में मंदिर की प्रतिकृति तैयार करने की प्रेरणा मिली. बड़ी चुनौती यह थी कि लोहे के स्क्रैप कैसे लाए जाएंगे. इसमें वेल्डिंग वाले कारीगरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही, क्योंकि छोटे-बड़े और टूटे-फूटे लोहे के सामान को मंदिर का रूप देना आसान नहीं था. महापौर ने बताया कि प्रतिकृति की फिनिशिंग का काम जल्द ही शुरू होगा. हमारी योजना फिनिशिंग का काम पूरा होने के बाद मंदिर की प्रतिकृति पर मेटेलिक कलर करने की है.