MP News: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) की आचार संहिता हटने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) का नया अवतार देखने को मिलेगा. उन्होंने जिले-गांव के औचक निरीक्षण का मन बना लिया है. औचक निरीक्षण के दौरान अधिकारी की गलती मिलने पर ऑन द स्पॉट कार्रवाई होगी. अधिकारी को तत्काल सस्पेंड किया जा सकता है. सीएम मोहन यादव की प्लानिंग पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने तैयारियां शुरू कर दी है. हर जिले के तीन ब्लॉकों में हेलीपैड बनाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री सचिवालय ने पीडब्ल्यूडी को एक अस्थायी और दूसरा स्थायी हेलीपैड का प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा है. अस्थायी हेलीपैड का निर्माण 25 से 35 हजार मीटर में होगा, जबकि स्थायी हेलीपैड 30 मीटर के दायरे में बनेगा. मुख्यमंत्री सचिवालय से मिले पत्र के बाद पीडब्ल्यूडी ने भी काम करना शुरू कर दिया है. पीडब्ल्यूडी का मैदानी अमला हेलीपैड निर्माण के लिए जगह तलाशने में जुट गया है.
दो पूर्व मुख्यमंत्री कर चुके हैं प्रयोग
बता दें कि औचक निरीक्षण का प्रयोग मध्य प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री कर चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और शिवराज सिंह चौहान अचानक किसी भी जिले-गांव के दौरे पर निकल जाते थे. अब पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों की राह पर सीएम मोहन यादव भी चलने वाले हैं. औचक निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री जमीनी वास्तविकताओं से रूबरू होंगे. मुख्यमंत्री यादव अचानक से किसी भी गांव-जिले का दौरा कर शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई करेंगे.
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