MP CM Name: सीहोर के पास सीएम का गृह जिला होने का तमगा रहेगा या छिनेगा, सस्पेंस बरकरार?
MP BJP CM Name: एमपी में बीजेपी की बंपर जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन जारी है. एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी सीएम का नाम स्पष्ट नहीं हो पाया है. इससे सीहोर के लोगों के मन में यह सवाल है.
MP CM Name Discussion: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद सबकी नजरे अगले मुख्यमंत्री पर टिकी हैं. इस चुनाव में बीजेपी को बंपर जीत मिली है. हालांकि अभी सीएम का चेहरा क्लियर नहीं हो सका है. इधर राजधानी भोपाल के नजदीकी जिले सीहोर की चारों विधानसभा सीटों के 10 लाख मतदाताओं को भी सीएम चेहरे को लेकर बेसब्री से इंतजार है. दरअसल, बीते साढ़े 16 सालों से सीहोर जिले के पास सीएम के गृह जिले का तमगा है. फिलहाल सस्पेंस बरकरार है.
बीते साढ़े 16 सालों से मध्य प्रदेश की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा के ग्राम जैत के निवासी हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा से चुनाव लड़ते आ रहे हैं. सबसे पहले उन्होंने साल 1990 में बुधनी विधानसभा से चुनाव लड़ा था और शानदार जीत हासिल की थी. इसके बाद 2005 में मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा से ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान इस सीट से साल 2006 से लगातार जीतते आ रहे हैं.
बीजेपी का गढ़ है सीएम का जिला
बता दें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में चार विधानसभा आती है, जिसमें बुधनी, आष्टा, इछावर और सीहोर विधानसभा शामिल हैं. साथ ही सीहोर जिला तीन संसदीय क्षेत्रों में भी लगता है. सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की चारों विधानसभा सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. इसके अलावा यहां की तीनों ही संसदीय सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा है. इसी के चलते सीहोर जिले को बीजेपी का गढ़ माना जाता है.
सस्पेंस में बरकरार
साल 2005 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लगातार प्रदेश में बीजेपी जीत दर्ज करती रही है. साल 2008, 2013, 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान को पहले ही मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया गया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका. परिणाम आने के 7 दिन बाद भी अब तक बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व सीएम चेहरा स्पष्ट नहीं कर सका है. ऐसे में सीहोर जिले के वासी भी बैचेन हैं कि सीएम के जिले का तमगा सीहोर के पास रहेगा या नहीं.
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