MP Government News: मध्य प्रदेश का जनजातीय वर्ग पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर हो गया है, क्योंकि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु (Droupadi Murmu) ने शहडोल जिले के लालपुर में आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन में नियमावली का विमोचन कर राज्य में पेसा एक्ट को लागू किया. राज्य में जनजातीय वर्ग के लिए इस बार की बिरसा मुंडा की जयंती बड़ी सौगात लेकर आई, क्योंकि इस दिन पेसा एक्ट लागू हो गया है. इस एक्ट के लागू होने से जनजातीय वर्ग वाली पंचायतों में फैसले इस वर्ग की सहमति से लिए जाएंगे. देश में मध्य प्रदेश सातवां ऐसा राज्य है जहां पेसा एक्ट लागू किया गया है.
इस मौके पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आज से मध्य प्रदेश में लागू किये गये पेसा एक्ट के नये नियम जनजातीय वर्ग के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे. इन नियमों के लागू होने से ग्राम सभाएं बहुत अधिक शक्तिशाली हो जायेंगी. पेसा एक्ट के नये नियमों के अनुसार जल, जमीन और जंगल का प्रबंधन, छोटे-मोटे विवादों का निराकरण, स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल, आँगनवाडी केन्द्रों का निरीक्षण, विभिन्न योजनाओं की मॉनिटरिंग आदि कार्य ग्राम सभा के हाथ में होंगे.
सीएम ने बताया सौभाग्य का विषय
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज प्रदेश के लिये सौभाग्य का विषय है कि भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु मध्य प्रदेश आई हैं. उनकी उपस्थिति में प्रदेश में जनजातीय वर्ग के सशक्तिकरण के लिये पेसा एक्ट लागू किया जा रहा है. इसके नियम जनजातीय वर्ग को जल, जंगल और जमीन के अधिकार दिलाएंगे. नये नियमों को सामाजिक समरसता के साथ प्रदेश में लागू किया जायेगा. आज का दिन सामाजिक क्रांति का दिन है.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट के नये नियमों के अनुसार हर साल पटवारी को गांव, जमीन का नक्शा, खसरा नकल, गांव में लाकर ग्राम सभा में दिखाने होंगे, जिससे रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न कर सके. गड़बड़ी होने पर ग्राम सभा को उसे ठीक करने का अधिकार होगा. किसी योजना के लिये जमीन लेने के लिये ग्राम सभा की सहमति आवश्यक होगी. कोई भी व्यक्ति छल-कपट, धर्मांतरण आदि कर गांव वालों की जमीन नहीं हड़प पायेगा. यदि ऐसा होता है, तो ग्राम सभा को उसे वापस करवाने का अधिकार होगा.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रेत खदान, गिट्टी-पत्थर के ठेके देना है या नहीं यह भी ग्राम सभा तय करेगी. इन्हें पहले जनजातीय समाज सहकारी समिति को दिया जायेगा. ग्राम सभा तालाबों का प्रबंधन, उनमें मत्स्याखेट, सिंघाड़ा उगाने की सहमति ग्राम सभा देगी. सौ एकड़ सिंचाई तालाबों का प्रबंधन, वनोपज का संग्रहण और न्यूनतम मूल्य निर्धारण करेगी. जनजातीय भाई वनोपज संग्रहण करेंगे और उन्हें बेचेंगे. तेंदूपत्ता की तुड़ाई और ब्रिकी का कार्य भी जनजातीय वर्ग करेंगे. इस वर्ष 15 दिसम्बर तक इस संबंध में प्रस्ताव देना होगा.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मनरेगा के पैसे से कौन सा कार्य कराया जाये, यह ग्राम सभा ही तय करेगी. कार्य का मस्टर रोल भी ग्राम सभा देखेगी. यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी. गांव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी.
जानें सीएम ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में सिर्फ लायसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे पायेंगे. इसकी जानकारी भी ग्राम सभा को देना होगी. अधिक ब्याज लेने पर कार्यवाही होगी. हितग्राही मूलक योजना में पहले किसे लाभ मिले, यह प्राथमिकता ग्राम सभा तय करेगी. बिना ग्राम सभा की अनुमति के कोई नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी. किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा ग्राम सभा कर सकेगी. छोटे झगड़े सुलझाने का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में किसी थाने में एफआईआर दर्ज होने पर इसकी सूचना ग्राम सभा को देनी होगी. स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आँगनवाड़ी केन्द्र, आश्रम शालाएं, छात्रावास आदि के निरीक्षण का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा. मेला और बाजार का प्रबंधन भी ग्राम सभा करेगी. नये नियमों को प्रभावी ठंग से लागू किये जाने के लिये पेसा कोऑर्डिनेटर बनाये जायेंगे. आगामी 20 दिसंबर से विशेष यात्राएँ निकाली जायेंगी, जो चार जनवरी को पातालपानी इंदौर में भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान दिवस पर संपन्न होंगी.
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार नये पेसा एक्ट के माध्यम से स्वराज के मूल तत्व को लागू कर रही है. यह बताता है कि सांवैधानिक नियमों से जोड़ते हुए किस प्रकार जनजातीय परंपराओं को बनाया रखा जाये. केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है. मध्य प्रदेश में पेसा एक्ट के नये नियम लागू किये जाने का निर्णय क्रांतिकारी है. आज जनजातीय वर्ग की वर्षों की प्रतीक्षा पूरी हुई है. उन्हें जल-जंगल-जमीन पर अधिकार मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में सुदूर जनजातीय क्षेत्रों तक विकास पहुंचाया है.