MP News: साधु-संतों की CM शिवराज को चेतावनी- 'शराब लाइसेंस वाले फैसले पर करें पुनर्विचार, वरना होगा विरोध'
MP: संत समाज का कहना है कि एक तरफ शिवराज सरकार नशे के खिलाफ अभियान चला रही है और दूसरी तरफ शराब के लिए लाइसेंस बांट रही है. युवा पीढ़ी पहले ही नशे में चूर है. उन्हें न वर्तमान दिख रहा है, न भविष्य.
Sant Warning to Shivraj Government: घरों में शराब के लाइसेंस को लेकर साधु-सतों ने सीएम शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साधु-संतों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि वे बड़े ही गंभीरता के साथ एक बार फिर अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
उल्लेखनीय है कि आबकारी विभाग ने हाल ही में एक नई स्कीम लॉन्च की है, जिसमें घरों में शराब पार्टी करने वालों को 500 रुपये में लाइसेंस मिल जाएगा. इसके लिए बेहद आसान तरीके से ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है. इसी तरह पार्क में शराब पार्टी करने पर 5 हजार रुपये फीस भरनी पड़ेगी. वहीं रेस्टोरेंट में अल्कोहल पार्टी करने पर 10 हजार रुपये फीस जमा करनी होगी. इस नई योजना को लेकर साधु-संतों ने विरोध दर्ज करना शुरू कर दिया है.
महंत दिग्विजय सिंह महाराज ने सरकार को दिया अल्टीमेटम
परमहंस अवधेश पुरी महाराज ने कहा कि पहले ही युवा पीढ़ी नशे में चूर है. ऐसे में उन्हें ना तो वर्तमान नजर आ रहा है ना ही भविष्य. शिवराज सरकार ने जो हाउस पार्टी के लिए आबकारी का नया नियम बनाया है, उस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर विचार करना चाहिए. अवधेश पुरी महाराज ने यह भी प्रश्न उठाया है कि सरकार एक तरफ नशे के खिलाफ अभियान चला रही है. वहीं, दूसरी तरफ युवा पीढ़ी को नशा परोसने के लिए आसान रास्ता भी दिखा रही है. यह दोनों एक दूसरे के विरोधाभास हैं. महंत दिग्विजय सिंह महाराज ने भी फैसले को गलत बताते हुए सरकार को अल्टीमेटम दिया है.
कांग्रेस ने कहा- होम डिलीवरी भी शुरू कर सकती है सरकार
कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने कहा कि यह सरकार का दोहरा चरित्र नजर आ रहा है. शिवराज सरकार नशे के खिलाफ प्रदेश भर में अभियान चलाकर वाही वाही लूटने की कोशिश कर रही है, जबकि हकीकत सबके सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद सरकार शराब की होम डिलीवरी भी शुरू कर दें, तो इस पर आश्चर्य नहीं जताना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी के लिए लड़ाई लड़ रही है जबकि सरकार में ₹500 में लाइसेंस देकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं.
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