Karam River Dam: 'संकट टला', कारम डैम से पानी का स्तर घटने पर बोले सीएम शिवराज सिंह चौहान
MP News : सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब कोई संकट नहीं है. प्रभावित गांव के लोग प्रशासन के साथ गांव में जाने की योजना बना सकते हैं. वो कल आजादी का अमृत महोत्सव अपने गांव में अपने घर में मनाएं.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि कारम डैम (Karam River Dam) का संकट टल गया है. बांध से पानी का डिस्चार्ज बहुत कम हो गया है. उनका कहना है कि यह धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा. उनका कहना है कि प्रभावित गांवों के लोग सोमवार को अपने गांव जाकर स्वतंत्रता दिवस मना सकते हैं. वहीं मौके पर मौजूद प्रदेश सरकार के मंत्री तुलसी राम सिलावट ने कहा है कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.इस बीच खरगोन के कलेक्टर ने कहा है कि सोमवार को इस बात का आकलन किया जाएगा कि इससे फसलों को कितना नुकसान हुआ है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''बताते हुए प्रसन्नता है कि अब कोई संकट नहीं है. प्रभावित गांव के लोग प्रशासन के साथ गांव में जाने की योजना बना सकते हैं. वो कल आजादी का अमृत महोत्सव अपने गांव में अपने घर में मनाएं. आपदा प्रबंधन का सबसे उत्तम उदाहरण है कि कारम बांध के लीकेज की स्थिति से निपटने के लिए जो प्रयास किए गए वह सफल हुए.''
कारम बांध से पानी निकलने के बाद धार के सभी 12 गांवों और खरगोन के 5 गांवों से पानी नीचे आ गया है. खरगोन के कलेक्टर ने बताया कि पिछले गांव जरकोटा में भी पीक-फ्लो गुजर चुका है और पानी घरों में नहीं गया है. उन्होंने बताया कि सोमवार को गावों में फसलों के नुक़सान का सर्वे होगा और देखा जाएगा कितना नुकसान हुआ है.
जल संसाधन मंत्री का क्या कहना है
वहीं कारम डैम पर मौजूदज प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी राम सिलावट ने एक ट्वीट में बताया कि लगातार 42 से ज्यादा घंटे की अथक मेहनत के बाद जल निकासी के लिए बनाए गए चैनलों का हवाई निरीक्षण किया और अधिकरियों के साथ चर्चा की. उन्होंने कहा है कि माँ कारम और नर्मदा की कृपा से स्थिति पूरी तरह हमारे नियंत्रण में है.
क्या था कारम डैम का संकट
मध्य प्रदेश के धार जिले में कारम नदी पर बन रहे बांध में दरार आ गई थी. इससे बांध के टूटने का खतरा पैदा हो गया था. हालात को देखते हुए बांध को बचाने के लिए सेना और एनडीआरएफ की मदद ली गई. बांध के पास नहर बनाकर वहां से पानी निकाला गया.रविवार तड़के बांध की एक दीवार तोड़कर भी पानी निकालने का काम शुरू किया गया. इससे बांध के जलस्तर में कमी आई. बांध के टूटने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने धार और खरगोन जिले के करीब 20 गांवों को खाली करा लिया था. इन गांवों के निवासियों और मवेशियों को सुरक्षित जगह और राहत शिविरों में पहुंचाया गया था.
यह भी पढ़ें