MP News: CM शिवराज का एलान, सरकारी स्कूलों में दिया जाएगा श्रीरामचरितमानस, उपनिषदों और गीता का ज्ञान
MP News: देशभर में श्रीरामचरितमानस को लेकर टिप्पणियों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ाने वाला है. इस बयान के बाद कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया आई है.
Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में विद्या भारती (Vidya Bharti) प्रतिष्ठान के सुघोष दर्शन कार्यक्रम में सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) पहुंचे. उन्होंने पराक्रम दिवस पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Shubhas Chandra Bose) की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. सुघोष दर्शन कर बच्चों की तारीफ की. इस मौके पर उन्होंने श्रीरामचरितमानस का उल्लेख किया और कहा कि बाबा तुलसी ने ऐसे महान ग्रंथ की रचना की, जिसमें भगवान श्रीराम के कण-कण में होने की बात कही गई है. हमारे धार्मिक ग्रंथों रामायण, महाभारत, उपनिषदों और गीता आदि में मनुष्य को नैतिक बनाने की पूर्ण क्षमता है. इसीलिए इन महान ग्रंथों की शिक्षा शासकीय विद्यालयों में भी दी जाएगी.
क्यों नहीं पढ़ाएं ग्रंथ यह सोचने का विषय
सीएम ने कहा कि ऐसे महान ग्रंथों को बच्चों को क्यों नहीं पढ़ाना चाहिए, यह सोचने का विषय है. सीएम ने कहा कि जो लोग इन महान ग्रंथों और महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं, मध्यप्रदेश में ऐसे लोगों को सहन नहीं किया जाएगा. रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथ सामाजिक समरसता के साथ-साथ नैतिक और बौद्धिक विकास में अपना योगदान देते हैं. मध्य प्रदेश के बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके, इसीलिए धार्मिक ग्रंथों के आवश्यक तत्वों को शासकीय स्कूलों के बच्चों के साथ भी हम साझा करेंगे.
अपने मंत्रियों और आरएसएस प्रमुख के बारे में भी पढ़ाए सरकार : कांग्रेस
देशभर में श्रीरामचरितमानस को लेकर चल रहीं टिप्पणियों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह बयान राजनीतिक गलियारों में ठंड के बीच गर्मी बढ़ाने वाला है. मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद ही कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया देखने को नजर आई. कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि अब बीजेपी सरकार को अपने मंत्रियों की जीवनी के साथ-साथ संघ प्रमुख के बारे में भी पाठ्यक्रम में पढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वैसे भी सरकार के पास अब कुछ महीने बचे हैं. इसीलिए सोचने विचारने की जरूरत नहीं है. पहले सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था संभाल ले, धर्म ग्रंथों की बात बाद में करेंगे. अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले समय में इस बयान को लेकर राजनीतिक दल किस प्रकार से प्रतिक्रिया देते हैं.
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