MP Government News: सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कुशाभाऊ ठाकुर कन्वेशन सेंटर में दो दिवसीय कार्यशाला के आयोजन को संबोधित करते हुए अपील की. उन्होंने कहा कि कल मेरे साथ आप सभी पेड़ लगाएं, हम उस गार्डन को वाटर विजन गार्डन नाम देंगे. उन्होंने पेड़ लगाकर पानी बचाने का संदेश पूरे देश को देने की बात कही. बता दें कि कुशाभाऊ ठाकुर कन्वेशन सेंटर में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. गुरुवार को इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा वर्चुअली संबोधित किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाटर विजन -2047 कांफ्रेंस हो रही है. इस कॉफ्रेंस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल विशेष रूप से मौजूद थे. कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब किसी अभियान से जनता जुटी रहती है, तो उसे कार्य की गंभीरता भी पता चलता है.
इससे जनता में किसी योजना या अभियान के प्रति सेंस ऑफ ऑनरशिप आती है. सेंस ऑफ ऑनरशिप सफलता की कुंजी है. पीएम मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायतें अगले पांच साल का प्लान पानी को केन्द्र में रखकर ही बनाएं.
सीएम ने जताई प्रसन्नता
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में साल 2003 के आसपास कुल सिंचाई की क्षमता साढ़े सात लाख हेक्टेयर थी. उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि आज मप्र की सिंचाई क्षमता बढकर 43 लाख हेक्टेयर हो गई है. मप्र कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए हमने बांध और जल संरचनाएं बनाई. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बुंदेलखंड की धरती में लगभग दो हजार से ज्यादा चंदेल कालीन जल संरचनाएं हैं. यह हमारी प्राचीन परम्परा भी है.
सीएम ने कहा कि मप्र के भी हर गांव में बिना तालाब के काम नहीं चलता था. उन्होंने कहा कि कहा कि माता गंगा की तरह हमारे यहां नदियां ग्लेशियर से नहीं निकलती है. मप्र की जीवनदायिनी मां नर्मदा पेड़ों की जड़ों से निकलती है. सीएम ने कहा कि हमने जनभागीदारी से नर्मदा सेवा यात्रा प्रारंभ की और नदी की स्वच्छता के साथ-साथ मैया नर्मदा के तटों पर असंख्य पौधे लगाए.
4 लाख से ज्यादा वॉटर बाडी बनाई
सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में हमने 2007 में जलाभिषेक अभियान प्रारंभ किया. जिलों में जल संसद, जल सम्मेलन और गांवों में जलयात्राओं के माध्यम से जनता को जोडऩे का प्रयास किया. मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता है कि छोटी बड़ी मिलाकर हमने चार लाख से ज्यादा वॉटर बाडी बनाई है. मप्र अपनी जलनीति बना रहा है, जिसमें सारे आयाम शामिल रहेंगे कि हम कैसे पानी बचाएं. इसके अलावा कैसे पानी बढ़ाएं, कैसे वर्षा जल को रोककर रखें, कैसे वेस्ट वॉटर को रिसाइकिल करके उपयोग में लाएं, इसके प्रयास कर रहे हैं.
प्रदेश का पहला वॉटर विजन गार्डन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी से कल पेड़ लगाने की अपील की. सीएम ने कहा कि जिस जगह हम पौधे लगाएंगे उस गार्डन का नाम वॉटर विजन गार्डन रखेंगे. सीएम शिवराज ने कहा कि आज गुणीजनों के चिंतन-मंथन से जो अमृत निकलेगा, उसको मप्र की धरती पर जनता तक पहुंचाने में हम कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. जनभागीदारी से हम वॉटर विजन 2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने का हरसंभव प्रयास करेंगे.
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