Katni: कटनी के पुलिस विभाग में चार साल के नन्हे सिपाही की एंट्री, हर तरफ हो रही बाल आरक्षक की चर्चा
मध्य प्रदेश के कटनी में पुलिस विभाग में चार साल के नन्हे सिपाही की एंट्री हुई है. प्रदेश में हर तरफ इस बाल आरक्षक की खबर सुर्खियां बटोर रही है. यहां जानें पूरा मामला.
MP News: मध्य प्रदेश के कटनी जिले में पुलिस विभाग में एक नन्हे सिपाही की एंट्री हुई है, जिसकी उम्र महज 4 वर्ष है. ये बच्चा पूरे प्रदेश का अब तक का सबसे छोटा सिपाही है, जिसकी पद स्थापना का लेटर खुद एसपी सुनील जैन ने अपने हाथों से दिया और उसे लाइन में तैनात करवाया है.
अब आप सोच रहे होंगे एमपी पुलिस में बच्चे का क्या काम और बच्चे की पुलिस में तैनाती हुई तो हुई कैसे? दरअसल 4 वर्षीय गजेंद्र मरकाम स्वर्गीय श्याम सिंह मरकाम का बेटा है जो कि नरसिंहपुर में प्रधान आरक्षक के तौर में पदस्थ थे और ड्यूटी दौरान उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. इसके बाद सिवनी निवासी उनके परिवार पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. एक तो परिवार के मुखिया का न होना और तो दूसरी तरफ आर्थिक समस्या भी समाने आ खड़ी हुई. तभी शासन की ओर शहीद की पत्नी सविता मरकाम को अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन देने का मौका दिया गया.
उन्होंने खुद नौकरी न करने का फैसला लेते हुए अपने 4 वर्षीय बेटे गजेंद्र मरकाम को पदस्थ करने का आवेदन दिया. कागजी खानापूर्ति के उपरांत 4 वर्षीय बच्चे को कटनी में बाल आरक्षक के रूप में ज्वाइनिंग लेटर दिया गया.
दुख-सुख के भंवर में फंसी मां सविता मरकाम ने बताया कि पति की मौत हार्ट अटैक से हुई थी जिसके बाद उनके स्थान पर बेटे गजेंद्र मरकाम की अनुकम्पा नियुक्ति हुई है.अब बेटे को नौकरी के साथ पढ़ाई भी करनी है. मुझे भी उसका ख्याल रखना होगा.
कटनी के एसपी सुनील जैन ने बताया की गजेंद्र मरकाम को पुलिस विभाग के नियमानुसार बाल आरक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई है. प्रधान आरक्षक श्याम मरकाम नरसिंहपुर जिले में चालक के पद पर काम करते थे. उनकी आकस्मिक मृत्यु होने पर अनुकम्पा नियुक्ति के लिए ये प्रकरण नरसिंहपुर से कटनी आया था. बाल आरक्षक के रूप में पदस्थ गजेंद्र की उम्र अभी लगभग 4 वर्ष है. अभी उसकी पढ़ाई जरूरी है और जब ये पढ़ाई पूर्ण कर लेगा और सभी नियमों के साथ 18 वर्ष की आयु के बाद वह आरक्षक बन जायेगा. बाल आरक्षक को आधी सैलरी समेत पत्नी को पेंशन शासन की ओर से दी जाएगी.
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