कोरोना महामारी ने लाइफस्टाइल, अर्थव्यवस्था, सेहत के साथ सेक्स लाइफ और परिवार नियोजन को भी प्रभावित किया है. सेक्स लाइफ और परिवार नियोजन की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ महिलाओं के कंधो पर आ गई है. कोरोना काल में कंडोम इस्तेमाल करनेवालों की संख्या 15 फीसद तक घट गई. मध्य प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. परिवार कल्याण विभाग के 3 साल के डाटा विश्लेषण से पता चला है कि दो साल में 15 प्रतिशत कंडोम का कम इस्तेमाल हो गया. इसकी जगह महिलाओं में इमरजेंसी पिल्स की डिमांड 36 फीसद तब बढ़ गई है जबकि डॉक्टर की ओर से इस गोली का उपयोग नियमित तौर पर किए जाने की मनाही है. वहीं कॉपर-टी और नसबंदी में कमी आई है.


अनचाहे गर्भ को रोकने के तरीके में हुआ बड़ा बदलाव


डेटा प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्र और आशा कार्यकर्ताओं की तरफ से वितरित किए गए परिवार नियोजन के साधन की संख्या पर आधारित है. गौरतलब है कि इसमें बाहर मेडिकल दुकान और ऑनलाइन मंगवाए गए कॉन्ट्रासेप्टिव उपाय के आंकड़े शामिल नहीं हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की रिपोर्ट के मुताबिक, अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए यूज होने वाले उपायों में बड़ा बदलाव आया है.


2019-2020 तक परिवार नियोजन के लिए मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कंडोम, कॉपर-टी, माला-एन टैबलेट और महिला नसबंदी का उपयोग किया जाता था. ये चलन ग्रामीण इलाकों से लेकर इंदौर और भोपाल तक में देखा गया. अब तीन महीने तक गर्भ से छुटकारे वाले इंजेक्शन का उपयोग किया जा रहा है.


मध्य प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फैमिली वेलफेयर की रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच 2,44 करोड़ कंडोम इस्तेमाल हुए, अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक 2,26 करोड़ कंडोम का वितरण हुआ. अप्रैल 2021 से दिसंबर 2021 में 1.59 करोड़ कंडोम बांटे गए. 


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