Chandra Prabhash Shekhar Passes Away: कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता चंद्र प्रभाष शेखर का शुक्रवार को निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार थे. उनके परिवार ने यह जानकारी दी. उनके बड़े बेटे आकाश शेखर ने बताया कि राज्य के पूर्व गृहमंत्री सी. पी. शेखर का एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. चंद्र प्रभाष शेखर का पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गया है. रीजनल पार्क मुक्तिधाम में मुखाग्नि दी गई. गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई है.
आकाश शेखर ने बताया कि फेफड़ों के संक्रमण के चलते चार मार्च को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी गंभीर हालत को देखते हुए चार दिन पहले ही उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. शेखर, मध्य प्रदेश आवासीय बोर्ड के चेयरमैन भी रहे थे.
इंदौर परम्पराओं, जागरूकता व अपने पावों पर खड़े हो कर अपना भविष्य लिखने वालों का शहर है. चंद्रप्रभाष शेखर जैसे नेता इसका उज्जवल उदाहरण है. राम सिंह वर्मा, द्रविड़जी, होमी दाजी जैसे राष्ट्रीय स्तर के मजबूत नेताओं व लक्ष्मण सिंह चौहान, लक्ष्मीशंकर शुक्ला, यज्ञदत्त शर्मा, बाबूलाल पटौदी जैसे जमीनी नेतृत्व के समय उन्होंने कांग्रेस को शुरूआती दौर में मजबूत करने का काम किया. वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता महेश जोशी और चंद्रप्रभाष शेखर जैसे युवा नेतृत्व ने इनके बाद शहर में दस्तक दी. 1964-65 की निगम परिषद में इनकी प्रभावी उपस्थिति थी.
इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के संगठन मंत्री महेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि चंद्रप्रभाष शेखर सरल, सहज, सौम्य व मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे. 'नर्मदा मैय्या इंदौर चलो' आंदोलन की युवा टीम के नायक थे. अपनी क्षमता व योग्यता के कारण सेठी, अर्जुन सिंह से लेकर मोतीलाल वोहरा जैसे मुख्यमंत्रियों के साथ विश्वस्त साथी मंत्री का दायित्व बखूबी निभाया.
वहीं पिछले समय कमलनाथ की कांग्रेस सरकार बनने और बनवाने में सीपी शेखर जी का अतुलनीय योगदान था. उन्होंने कहा कि अपने जीवन के अंतकाल में चंद्रप्रभाष शेखर को जैसे आभास हो गया था की राजनैतिक रंगमंच पर उनकी भूमिका पूर्ण हो गई है और वे भोपाल छोड़ कर पारिवारिक दायित्व निभाने इंदौर आ गए और कुछ ही दिनों ईश्वर ने अपने पास बुला लिया. रघुवंशी ने बताया कि शेखर साहब को इंदौर सदैव याद रखेगा.
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