MP Politics: कांग्रेस नेता जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) झूठी छवि चमकाने के लिए सीईओ पटवारी को सस्पेंड कर नायक बनने की नौटंकी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बेरोजगार युवा पदयात्रा निकाल रहा हैं, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. विकलांगों ने रोजगार के लिए मशक्कत की, उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. किसानों को खाद-बीज नहीं मिल रहा, वह लाइनों में लगे परेशान हो रहे हैं, उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. फसलों का उचित दाम किसानों को नहीं मिल रहा और वह अपनी फसल सड़कों पर फेंकने के लिए विवश हैं.


उन्होंने कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार, एनसीआरबी के आंकड़ों को लेकर पूरे देश में एमपी की छवि खराब है. इंदौर, भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद भी अपराध कम नहीं हो रहे. शराब माफिया की मनमानी प्रदेश के बड़े शहरों में तेजी से बढ़ता जा रहा है. ड्रग्स और नसे का कारोबार पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुस्सा नहीं आता है. उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज की सोच बूढ़ी हो गई है. 


लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू को लेकर किया सवाल


पटवारी ने सीएम शिवराज से पूछा कि लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में 300 से ज्यादा भ्रष्टाचार के लंबित प्रकरणों के दोषी पर कितने प्रकरण दर्ज किये गये. वर्षवार जानकारी दें, प्रतिवर्ष कितने फीसदी की वृद्धि और कमी हुई. दोनों विभागों के कुल कितने प्रकरण कोर्ट में सरकार की अनुमति हेतु लंबित है. दोनों विभागों द्वारा भ्रष्टाचार के इतने प्रकरण दर्ज क्यों किये जा रहे हैं. सभी विभागों में आर्थिक अनियमितता को लेकर विभागीय जांच के कितने प्रकरण बनाये गये उनमें से कितने प्रकरण में आरोपी को दोषमुक्त किया गया. कितने जांच में लंबित हैं. इस पर कार्रवाई के लिए विधानसभा में जबाव चाहा गया तो मुख्यमंत्री ने अपने जबाव में जानकारी एकत्रित करने का हवाल देकर इतिश्री कर दिया.


कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2019 में हुई पीएससी परीक्षा प्री और मेंस हो गयी केवल साक्षात्कार होना शेष था तब कोटे ने परीक्षा रद्द कर दी. क्योंकि कई मामले इस परीक्षा से जुड़े हुए कोर्ट में लंबित थे. ऐसा ही इस परीक्षा में न हो इसलिए पहले कोर्ट से मामलों का निराकरण किया जाये. वहीं उन्होंने कहा कि पीएससी ने स्त्री रोग विशेषज्ञ के 95 पद निकाले थे, जिसका परिणाम आया. उसमें नंबर देने में अजा और अजजा वर्ग के प्रति भारी भेदभाव किया गया.


कांग्रेस नेता ने कहा कि इस वर्ग के प्रतियोगियों को जो 100 में से नबंर दिये गये उसमें जनरल को 75 से 89, ओबीसी को 38 से 55, अजा को 34 से 49 और अजजा को 32 से 45 नंबर दिये गये जो बीजेपी सरकार की भेदभावपूर्ण नीति का उजागर करता है. वहीं सरकार की गलत नीतियों के चलते 2018 के बाद से पीएससी के माध्यम से राज्य प्रशासनिक सेवा की एक भी नियुक्ति नहीं हुई और शिक्षित युवा ओवरएज हो गये उनके भविष्य के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया गया.  


भ्रष्टाचार पर किया सवाल


कांग्रेस नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में शिक्षक नहीं, दफ्तर में क्लर्क नहीं, बल्ब है लाईट नहीं, नल है पर नल में पानी नहीं है. ऐसी है हमारे प्रदेश की 18 साल की बीजेपी सरकार की स्थिति. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 18 साल की बीजेपी सरकार में मनमाफिक भ्रष्टाचार हुआ और इसको लेकर एक सर्वें हुआ. जिसमें 90 फीसदी लोगों ने कहा कि हां भ्रष्टाचार हो रहा है. पिछले एक साल में भ्रष्टाचार में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार स्थानीय निकायों में है.


आंकड़ों के अनुसार जहां 37 फीसदी जमीन से जुड़े मामलों, 25 फीसदी परिवहन, बिजली कंपनी, टैक्स कार्यालयों में रिश्वत देकर लोगों ने काम करवाये. वहीं 22 फीसदी ने दो बार या उससे अधिक और 33 फीसदी लोगों ने एक बार रिश्वत देकर काम करवाये हैं. मध्य प्रदेश का हर दूसरा व्यक्ति इस भ्रष्टाचार का शिकार हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान एक दिन के सीएम नायक फिल्म की नकल कर खलनायक की भूमिका में हैं. उन्होंने कहा कि सीएम 7 दिन में 17 लोगों को सस्पेंड कर मध्य प्रदेश की जनता को गुमराह करने की नौटंकी कर आखिर क्या दर्शाना चाहते हैं.


किसानों की समस्याओं पर ये कहा
 
जीतू पटवारी ने कहा कि किसानों को खाद-बीज नहीं मिल रहा, किसान सुसाइड करने पर विवश हैं. किसान उचित मूल्य नहीं मिलने से अपनी सब्जी की फसल को सड़कों पर फेंक रहा है. गेहूं का उचित समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा सबसे ज्यादा एमपी में बच्चियों का अपहरण हुआ. महिलाओं पर अत्याचार रेप, गेंगरेप, आदिवासियों पर अत्याचार, लचर कानून व्यवस्था के चलते अपराधी सरेआम अपराध को अंजाम दे रहा है. हर दूसरा व्यक्ति नशा कर रहा है मध्य प्रदेश को नशेड़ी प्रदेश बना दिया है. प्रदेश में भ्रष्टाचार की ग्रोथ क्या है मुख्यमंत्री बता ही नहीं पा रहे हैं. फिर भी प्रदेश सरकार अपने इंवेट और आयोजनों के लिए हर महीने हजारों करोड़ का कर्ज जरूर ले रही है.


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