MP News: मध्य प्रदेश में किसानों को खाद उपलब्ध कराने का दावा खोखला साबित हो रहा है. घंटों कतार में लगने के बावजूद पर्याप्त खाद नहीं मिल रही है. बुआई के मौसम में खाद की किल्लत जी का जंजाल बन गयी है. सीहोर जिला मुख्यालय स्थित कृषि उपज मंडी में खाद के लिए किसानों की भीड़ देखी गई.


आधार कार्ड की फोटोकॉपी लिये किसान कतारबद्ध नजर आए. किसानों का दर्द है कि सुबह से लाइन में लगने के बावजूद खाद नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि खाद के लिए जद्दोजहद करने का अंदेशा था. इसलिए घर से रोटी बांधकर साथ लाए थे. भूख लगने पर पेड़ के नीचे बैठकर खाया है.


नाराज किसानों ने सरकार के दावे पर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि सरकार हर साल ऐलान करती है कि प्रदेश में खाद की समस्या नहीं होने दी जायेगी. लगता है कि अधिकारियों को मुख्यमंत्री के आदेश की परवाह नहीं है. धूप में भूखे प्यास खड़े रहने के बावजूद खाद नहीं मिल रही है. खाद बांटने वाले कर्मचारी-अधिकारियों की डांट भी खाने को किसान मजबूर हैं.


खाद की किल्लत पर कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने सफाई दी है. उन्होंने माना कि यूक्रेन-रूस युद्ध  के कारण खाद आने में देरी हो रही है. कृषि मंत्री ने खाद की कमी के पीछे यूक्रेन-रूस युद्ध को कारण बताया.


खाद की किल्लत पर कांग्रेस हमलावर


प्रदेश में खाद संकट पर विपक्ष लगातार हमलावर है. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खाद संकट का जिम्मेदार केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री मोहन यादव को ठहराया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि 1993 से लेकर 2003 तक कांग्रेस की सरकार थी. उस दौरान खाद के लिए किसानों को परेशान नहीं होना पड़ा. खाद की कालाबजारी नहीं होने का भी उन्होंने दावा किया. आज खाद की ब्लैकमार्केटिंग और नकली खाद मामले में बीजेपी से जुड़े नेताओं का नाम सामने आ रहा है.


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