MP Assemby Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को अब केवल सात महीने रह गए है. दोनों प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस चुनावी वार रूम सेटअप के साथ स्ट्रेटेजिक एक्सपर्ट की सेवाएं लेने लगे हैं. कांग्रेस ने पुराने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का उत्तराधिकरी खोज लिया है. कभी पीएम मोदी और बीजेपी के चुनावी रणनीतिकार रहे सुनील कानुगोलू पर अब कर्नाटक और तेलंगाना समेत मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.


सुनील राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच मुख्य सूत्रधार थे. इन दिनों कर्नाटक में कांग्रेस के लिए सुनील का 40 फीसद PayCM कैंपेन जमकर हिट हो रहा है. वन लाइनर कैंपेन के कारण राजनीतिक दलों में खूब चर्चा हो रही है. 


कौन हैं कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार?


कानुगोलू का नाम चौंकाने वाला हो सकता है लेकिन देश के राजनीतिक गलियारों में जाना पहचाना हो चुका है. राजनीतिक चर्चा से पहले कानुगोलू के बैकग्राउंड को जान लेते हैं. कन्नड़ पिता और तेलुगु मां की संतान कानुगोलू ने जिंदगी का लंबा हिस्सा तमिलनाडु में बिताया है. उनकी ज्यादातर पढ़ाई चेन्नई में हुई. उन्होंने अंडरग्रेजुएट के तौर पर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. साल 2009 में अमेरिका से भारत लौटने के पहले सुनील ने फाइनेंस में एमएस और एमबीए की पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल की थी. इसके बाद सुनील पॉलिटिकल या इलेक्शन स्ट्रैटेजिस्ट के तौर पर कई राजनीतिक दलों को सेवाएं दे चुके हैं. 


फिलहाल कांग्रेस ने कर्नाटक और तेलंगाना समेत मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सुनील कानुगोलु को इलेक्शन स्ट्रैटेजिस्ट बनाया है. सुनील के जिम्मे ग्राउंड रियलिटी के आधार पर इलेक्शन कैंपेन तैयार करना है. बताया जाता है कि सुनील साल 2014 में प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक के साथ जुड़े थे. बाद में प्रशांत किशोर ने मोदी का साथ छोड़ दिया. लेकिन सुनील अपनी टीम के सात बीजेपी से जुड़े रहे. साल 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सुनील ने इलेक्शन स्ट्रैटेजिस्ट के तौर पर मुख्य भूमिका निभाई. उन्होंने बीजेपी को शानदार जीत दिलाकर योगी आदित्यनाथ के लिए सीएम की कुर्सी का रास्ता साफ किया.


उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी, 2019 लोकसभा चुनाव में द्रमुक और 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक की तरफ से सुनील मुख्य रणनीतिकार रह चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद साख मजबूत बनाकर पार्टी के बेहतरीन प्रदर्शन का श्रेय सुनील को दिया गया था. सुनील कर्नाटक चुनाव में काम शुरू कर चुके हैं. जल्द बाकी राज्यों में भी कांग्रेस के लिए वार रूम सेटअप तैयार करेंगे.


कर्नाटक में बीजेपी को घेरने के लिए सुनील ने एक यूनिक आईटी प्रोग्राम तैयार किया. 40 फीसद PayCM कैंपेन के माध्यम से उन्होंने बीजेपी सरकार को भ्रष्ट जाहिर किया. उन्होंने एक QR कोड के बीच कर्नाटक सीएम की फोटो लगाकर 40 फीसद कमीशन लेने वाला भ्रष्ट मुख्यमंत्री बताया. व्यंग्यात्मक कैंपेन कर्नाटक के साथ पूरे देश में चर्चा का विषय बना. कहा जाता है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की रणनीति भी उन्होंने तैयार की थी. भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर कश्मीर में तिरंगा झंडा फहराने का आइडिया भी कानुगोलू का था. सुनील फिलहाल कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस का चुनाव मैनेजमेंट संभाल रहे हैं. सुनील के सामने कांग्रेस को आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में विजय दिलाने की कई चुनौतियां हैं.


सुनील कानुगोलू के सामने 10 चुनौतियां


1. मध्य प्रदेश में ठंडे पड़े कांग्रेस के संगठन को सक्रिय करना


2. किसान कर्ज माफी योजना की विसंगतियों को दूर करना


3. बीजेपी के 18 वर्षीय शासन का एन्टी इनकंबेंसी बनाना


4. बीजेपी की लाडली बहना जैसी गेम चेंजर योजनाओं का काउंटर


5. प्रत्याशी चयन में जातीय और क्षेत्रीय भावनाओं का ध्यान रखना


6. स्थानीय मुद्दों की पहचान कर सरकार के खिलाफ नैरेटिव सेट करना


7. पार्टी के अंदर भीतरघात को खत्म कर एकजुट बनाए रखना


8. कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ समन्वय बनाकर काम करना


9. केंद्रीय नेतृत्व के एजेंडा के साथ राज्य नेतृत्व में सामंजस्य रखना


10. मोदी मैजिक और बीजेपी के दुष्प्रचार को कांग्रेस के पक्ष में काउंटर करना


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