MP: प्रदूषण से अब मिलेगी निजात, देश के सबसे बड़े थर्मल पावर प्लांट NTPC विंध्याचल ने कार्बन डाइऑक्साइड कैप्चर प्लांट का किया शुभारंभ
Singrauli News: विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया में कोयला जलने के बाद चिमनियों से निकलने वाले धुएं में 20 फीसदी से अधिक कार्बनडाइ ऑक्साइड की मात्रा होती है. उसे इस प्लांट के जरिए अवशोषित किया जा सकेगा.
Singrauli News: सिंगरौली जिले में स्थापित देश के सबसे बड़े थर्मल पावर प्लांट एनटीपीसी विंध्याचल ने प्रदूषण से निजाद दिलाने की दिशा में पहल की है. इस पावर प्रोजेक्ट ने कार्बन डाइऑक्साइड कैप्चर प्लांट का संचालन शुरू कर दिया है. इस प्लांट का उद्दघाटन 15 अगस्त 2022 के दिन परियोजना प्रमुख एससी नायक ने किया था. प्लांट की खासियत यह है कि तकनीकी के माध्यम से यह कार्बन डाइऑक्साइड को शोषित करेगा और चिमनियों से निकलने वाले धुएं में प्रदूषण का मूल्यांकन करेगा. प्लांट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर मेथनॉल का उत्पादन करेगा और जिसका उपयोग वाहनों में ईंधन के तौर पर किया जा सकेगा.
चिमनियों के जहरीले धुएं से वाहनों के लिए ईंधन बनाएगी एनटीपीसी
जहरीले धुएं से सल्फरडाइ ऑक्साइड का अवशोषण करने के लिए विद्युत उत्पादक कंपनियां एफजीडी (फ्लू गैस डि-सल्फराइजेशन) प्लांट का संचालन भी कर रही हैं. कंपनियां सभी यूनिटों में एफजीडी प्लांट लगा रही हैं. अब इसके बाद कार्बन कैप्चर प्लांट का उपयोग किया जाएगा. एनटीपीसी के बाद दूसरी कंपनियों के लिए भी यह अनिवार्य है.
CO2 को अवशोषित करने वाला एनटीपीसी का पहला प्लांट
कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण के लिए विंध्याचल परियोजना में स्थापित यह प्लांट एनटीपीसी का पहला प्लांट माना जा रहा है. विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया में कोयला जलने के बाद चिमनियों से निकलने वाले धुएं में 20 फीसदी से अधिक कार्बनडाइ ऑक्साइड की मात्रा होती है. उसे इस प्लांट के जरिए अवशोषित किया जा सकेगा. बता दें कि एनटीपीसी विंध्याचल देश का सबसे बड़ा बिजली संयंत्र है, जिसकी कुल स्थापित क्षमता 4,783 मेगावाट है, जो कोयला, सौर और पनबिजली स्रोतों से उत्पन्न होती है.
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