MP News: मध्य प्रदेश के 2228 अस्पतालों में पेयजल की व्यवस्था नहीं, छिंदवाड़ा जिले की स्थिति बदतर
MP News: एमपी में लाखों ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन के माध्यम से जल उपलब्ध कराया जा रहा है. घर-घर नल से जल पहुंचाने के दावों के बीच मध्य प्रदेश के 2228 अस्पतालों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है.
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National health mission report: जल जीवन मिशन के जरिए प्रदेश के 48 लाख 69 हजार 475 ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन के माध्यम से जल उपलब्ध कराया जा चुका है. प्रदेश में मिशन के कार्य जून 2020 में शुरू हुए थे. बीते 21 माह में करीब 49 लाख परिवारों को मिशन से लाभान्वित किया जा चुका है. बुरहानपुर जिले के सभी ग्रामीण आबादी को घर पर ही नल कनेक्शन के जरिए जल उपलब्ध हो रहा है.
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जल निगम द्वारा प्रदेश के चार हजार 258 ग्राम के शत-प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन से जल उपलब्ध कराया जा चुका है. मिशन में ग्रामीण क्षेत्र में संचालित 69 हजार शालाओं और 40 हजार आगनबाड़ी केंद्रों में भी जल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. मिशन में एक करोड़ 22 लाख परिवारों को नल कनेक्शन से जल्द उपलब्ध करवाने के लक्ष्य में 39.82 फीसदी उपलब्धि अर्जित की जा चुकी है.
2228 अस्पतालों में पेयजल की व्यवस्था नहीं
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जल जीवन मिशन को लेकर बड़े-बड़े दावे और वादे किए जा रहे हैं. लेकिन मध्य प्रदेश में 2228 अस्पतालों के कंठ आज भी पानी से सूख रहें हैं. घर-घर नल से जल पहुंचाने के दावों के इतर मध्य प्रदेश के 2228 अस्पतालों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है.
इनमें ज्यादातर प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. नेशनल हेल्थ मिशन की हालिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. छिंदवाड़ा जिले की स्थिति बदतर है. यहां 290 अस्पताल में पानी की पुख्ता व्यवस्था नहीं है. इंदौर और भोपाल जिले में भी हालत खराब हैं, दोनों जिलों के कई अस्पतालों में ये समस्या बनी हुई है. बड़वानी जिले के 168, शहडोल के 31 और धार के 23 अस्पतालों में मरीज परेशान हैं.
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सीहोर में भी हालत खराब
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में स्वास्थ्य सुविधाओं पर सरकार हर साल करोड़ों खर्च कर रही है. सीहोर जिले में ऐसे कई सरकारी अस्पताल हैं जहां पानी और शौचालय की सुविधा नहीं है. अशोकनगर जिले में 160 शासकीय अस्पतालों में से तीन प्राथमिकता और 19 उप स्वास्थ्य केंद्र पर पानी की व्यवस्था नहीं है. लोगों को गांवों से पानी लाना होता है. रतलाम छिंदवाड़ा गुना राजगढ़ जिलों में भी हालत बहुत खराब है.
राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने कही ये बात
रिटायर्ड इंजीनियर आरबी राय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में एक बार हैड़पप या ट्यूबवेल की व्यवस्था तो करवा दी जाती है लेकिन उनका सही तरीके से रखरखाव नहीं होता. इसी कारण पानी को लेकर समस्या उत्पन्न होती है. मध्य प्रदेश के राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सिविल अस्पताल मुंगावली और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरिया में ट्यूबवेल लगवा दिया है बाकी जगह पर सिंगल फेस बिजली पंप लगवाए जाएंगे.
मध्य प्रदेश के इन जिलों के अस्पतालों में जल संकट
भोपाल- 25
इंदौर- 63
जबलपुर- 05
आगर मालवा- 37
छिंदवाड़ा- 290
अशोकनगर- 77
भिंड- 168
बुरहानपुर- 53
दमोह- 22
दतिया- 28
गुना- 104
सीहोर- 106
मंदसौर- 160
मुरैना- 101
नरसिंहपुर- 45
रतलाम- 151
सिवनी- 129
शिवपुरी- 173
श्योपुर- 36
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