MP News: मध्य प्रदेश में अवैध रूप से संचालित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के खिलाफ डॉक्टर मोहन यादव की सरकार ने कड़े तेवर अपना लिये हैं. मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने गैर मुस्लिम बच्चों को दाखिला देने वाले मदरसों की मान्यता निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है. स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह का कहना है कि फरवरी महीने से मदरसों में हिंदू बच्चों के पढ़ने की शिकायतें आ रही थीं.


मंत्री ने जानकारी दी है कि जांच में पता चला कि मदरसे कागजों पर चल रहे हैं. हजारों की संख्या में हिंदू बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि धार्मिक शिक्षा के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. ऐसा करना नियमों का उल्लंघन है. स्कूल शिक्षा विभाग में धारा 18, 3 का इस्तेमाल करते हुए आदेश जारी किया है. मुख्यमंत्री की तरफ से मार्गदर्शन मिला है कि धार्मिक व्यवस्था मध्य प्रदेश में नहीं बिगड़ऩे दी जाएगी. बता दें कि सरकार के आदेश पर मध्य प्रदेश में मदरसों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है.


शिक्षा मंत्री की मदरसों को लेकर दो टूक

भौतिक सत्यापन में पिछले महीने श्योपुर जिले के 56 मदरसों का संचालन नियम विरुद्ध पाये जाने पर मान्यता को निरस्त कर दिया गया था. शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह का कहना है कि भौतिक सत्यापन से मदरसों में हिंदू बच्चों के शिक्षा ग्रहण करने की बात सामने आयी थी. जबकि कई मदरसे कागजों पर ही संचालित हो रहे थे. धारा 28 (3) का हवाला देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि बगैर पालकों की सहमति के धर्म की शिक्षा नहीं दी जाये.


एक साल कार्यालय में दबी रही फाइल


मदरसों को लेकर अब भले ही सरकार एक्शन मोड में आ गई हो, लेकिन श्योपुर के मदरसों की जांच रिपोर्ट एक साल तक आयुक्त कार्यालय में पड़ी रही. मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की दखल के बाद आयुक्त ने मदरसों की मान्यता प्राप्त करने की फाइल मदरसा बोर्ड को भेजी, जिसके बाद श्योपुर के 56 मदरसों की मान्यता निरस्त करने का आदेश जारी हुआ. 


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