AAP in MP Election: मध्य प्रदेश की राजनीति में दो प्रमुख पार्टियां हैं. एक बीजेपी और एक कांग्रेस. आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में सशक्त रूप से तीसरे राजनीतिक मोर्चे की दरकार रही है. ऐसे में इस बार चर्चा है कि विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी और कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि आम आदमी पार्टी जल्द ही मध्य प्रदेश में अपना डेरा जमाने जा रही है.


अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आप (AAP) एमपी की राजधानी भोपाल में ही अपना वॉर रूम बनाएगी. अगर पार्टी मध्य प्रदेश में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराती है, तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के सामने समस्या खड़ी हो सकती है. 


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असिस्टेंट प्रोफेसर को जिम्मेदारी
आम आदमी पार्टी के सूत्रों के अनुसार, गुजरात चुनाव के बाद ही आम आदमी की पूरी सशक्त टीम मध्य प्रदेश में अपना डेरा डालेगी. माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी आईआईटी दिल्ली के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर और पंजाब से राज्यसभा सांसद संदीप पाठक को एमपी की जिम्मेदारी दे सकती है. फिलहाल, सांसद पाठक अभी गुजरात चुनाव के प्रभारी हैं. इस व्यवस्था की तैयारियों का जायजा लेने के लिए दिल्ली से विधायक और आप के मप्र प्रभारी भूपेन्द्र सिंह अगले सप्ताह भोपाल पहुंच रहे हैं.


निकाय चुनाव में दर्ज हुई उपस्थिति
बीते तीन महीने पहले मध्य प्रदेश में हुए निकाय चुनावों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है. प्रदेश में आप के 17 पार्षद और एक मेयर हैं. दिल्ली सीएम और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रदेश के सिंगरौली में आप की महापौर प्रत्याशी रानी अग्रवाल के समर्थन में प्रचार किया था. नतीजतन रानी यहां से अब मेयर हैं. सिंगरौली में आप के पांच पार्षद भी जीते हैं, जबकि सात पार्षद दूसरे स्थान पर रहे. मध्य प्रदेश की बात करें तो नौ जिलों में पार्टी ने अपना खाता खोला है और 18 जिलों में 35 पार्षद सीटों पर आप दूसरे स्थान पर रही.