MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में नई सरकार के गठन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. राज्य की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान और 3 दिसंबर को मतगणना की जाएगी सुबह में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच है.बीजेपी ने चार बार में अपने 136 और कांग्रेस ने एक बार में ही 144 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है.दोनों ही दलों ने भोपाल की कुर्सी हासिल करने के लिए अपनी-अपनी लिस्ट में जातीय संतुलन का खास ध्यान रखा है.लेकिन अभी तक घोषित 280 कैंडिडेट की सूची में सिर्फ एक मुस्लिम को टिकट मिली है.
मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट देखने पर जो एक खास बात सामने आई है,वह यह है कि अल्पसंख्यक समुदाय से मुसलमानों को टिकट देने में जहां बीजेपी ने अनदेखी की है,वहीं कांग्रेस ने भी कंजूसी की है.बीजेपी ने अपने 136 उम्मीदवारों में किसी भी मुस्लिम चेहरे को टिकट नहीं दी है.कांग्रेस ने भी 144 कैंडिडेट की पहली लिस्ट में सिर्फ भोपाल से आरिफ मसूद को एकमात्र मुस्लिम चेहरे के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है.जबकि सूबे में मुस्लिमों की आबादी लगभग 7 प्रतिशत है.
ओबीसी समुदाय को लुभाने की कोशिश में भी बीजेपी-कांग्रेस
अब बात महिलाओं की कर ली जाए. आधी आबादी को पूरा हक देने की बात करने वाली पार्टियां महिलाओं को टिकट देने में अभी भी बड़ा हृदय नहीं कर पाई हैं. बीजेपी ने सिर्फ12 प्रतिशत तो कांग्रेस ने 13 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दी है. बीजेपी के अभी तक घोषित उम्मीदवारों में 16 महिलाओं को टिकट दी गई है.जबकि,कांग्रेस की 144 उम्मीदवारों की मैराथन सूची में केवल 19 महिलाओं को जगह मिली है.
राज्य के सबसे बड़े वोटर यानी ओबीसी समुदाय को लुभाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. बीजेपी के अभी तक घोषित उम्मीदवारों में 29 प्रतिशत टिकट ओबीसी (40 कैंडिडेट) को दी गई है.वहीं,कांग्रेस ने भी पहली लिस्ट में 27 प्रतिशत ओबीसी उम्मीदवार (39 कैंडिडेट) मैदान में उतारे है.
कांग्रेस ने दिया सवर्ण वर्ग को ज्यादा टिकट
सवर्ण वर्ग को टिकट देने में अभी कांग्रेस आगे है. उसकी सूची में शामिल 52 उम्मीदवार (36 प्रतिशत) सवर्ण वर्ग से आते है.बीजेपी की ओर से भी 48 सवर्ण (35 प्रतिशत) उम्मीदवार मैदान में उतारे गए है.इसी तरह अनुसूचित जनजाति (ST) के 20-20 उम्मीदवारों के नाम दोनों ही दलों ने घोषित कर दिए है.बीजेपी ने 22 प्रतिशत और कांग्रेस ने 20 प्रतिशत आदिवासी चेहरों को अपनी लिस्ट में जगह दी है.इसी तरह अनुसूचित जाति वर्ग के कांग्रेस ने 22 तो बीजेपी ने 18 कैंडिडेट के नाम का ऐलान किया है. देखा जाए तो कांग्रेस ने इस वर्ग के 15 प्रतिशत और बीजेपी ने 13 प्रतिशत उम्मीदवारों का नाम घोषित किया है.यहां बताते चले कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 35 और अनुसूचित जनजाति के लिए 47 सीट आरक्षित हैं.दोनों की आबादी 20 से 22 प्रतिशत के बीच है.
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