Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों की ओर से अभी तक 400 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में उतर चुके हैं.ज्यादातर सीटों पर मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में है. वहीं, कई सीटों पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने दोनों का खेल बिगड़ने के लिए अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं. इस सबके बीच सूबे की चार सीटें ऐसी है,जहां जीते हारे कोई भी विधायक परिवार का ही होगा.


दरअसल, विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अभी तक 229 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने कई सीटों पर बहुत ही चतुराई से बीजेपी उम्मीदवारों के परिजनों या रिश्तेदारों को टिकट देकर मुकाबला रोचक बना दिया है. इस खबर में आगे जानेंगे कि मध्य प्रदेश की किन सीटों पर फैमिली फाइट की स्थिति बनी हुई है. पार्टी ने एक पर जेठ के खिलाफ बहू (छोटे भाई की पत्नी) और एक जगह से समधी और समधन को आमने-सामने कर दिया है. इसी तरह एक सीट पर चाचा के सामने भतीजा ताल ठोकेंगे. वहीं एक विधानसभा सीट पर दो भाइयों के बीच मुकाबला देखने को मिल सकता है.


समधी के खिलाफ समधन
ग्वालियर की डबरा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बेहद करीबी इमरती देवी को एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ कांग्रेस ने वर्तमान विधायक सुरेश राजे को टिकट दिया है. हालांकि, दोनों प्रत्याशी रिश्ते में समधी-समधन लगते हैं, लेकिन उनके बीच जमकर राजनीतिक अदावत है. पिछले दिनों विधायक सुरेश राजे के एक आपत्तिजनक वीडियो को लेकर उनकी और इमरती देवी से जमकर बहसबाजी हुई थी.


चाचा के खिलाफ भतीजा
वहीं रीवा जिले की देवतालाब विधानसभा सीट से बीजेपी ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. अब नहले पर दहला मारते हुए कांग्रेस ने उनके सगे भतीजे पद्मेश गौतम को इस सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित किया है. अब देवतालाब में चाचा और भतीजा के बीच चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा. क्षेत्र में यह भी चर्चा है कि चुनाव कोई भी जीते लेकिन विधायक गौतम परिवार का ही होगा.


जेठ और बहू में होगा मुकाबला
इस विधानसभा चुनाव में सबकी नजर बुंदेलखंड की सागर सीट पर भी रहेगी. यहां से जेठ और बहू के बीच मुकाबला होने जा रहा है. इस सीट पर बीजेपी ने दो बार के विधायक शैलेंद्र जैन को एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है. अब उनके खिलाफ कांग्रेस में छोटे भाई सुनील जैन की पत्नी निधि जैन को टिकट दे दिया है. निधि जैन ने कांग्रेस की ओर से महापौर का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वह तकरीबन 2000 वोटों से हार गईं थी. महापौर चुनाव में कम अंतर से हार के चलते ही कांग्रेस ने अब विधानसभा चुनाव में उनके ऊपर दांव लगा दिया है.


भाई-भाई में हो सकते हैं मुकाबला
प्रदेश की एक और सीट ऐसी है, जहां कयास लगाए जा रहे हैं कि मुकाबला भाई-भाई में हो सकता है. नर्मदापुरम जिले की इटारसी विधानसभा सीट से दो भाई आमने सामने हो सकते हैं. यहां से कांग्रेस ने पूर्व विधायक गिरजा शंकर शर्मा को टिकट दिया है. गिरजा शंकर ने हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है. वे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व मौजूदा बीजेपी विधायक सीतासरन शर्मा के भाई है. बीजेपी ने अभी इस सीट को होल्ड पर रखा है. माना जा रहा है कि अगर बीजेपी सीतासरन शर्मा को फिर से टिकट देती है, तो इस सीट पर दो भाइयों के बीच मुकाबला देखने को मिल सकता है.


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