Madhya Pradesh Election 2203: विधानसभा चुनाव 2023 में प्रमुख रूप से महिलाओं से जुड़े मुद्दे खुलकर सामने आ रहे हैं. अब बाल विवाह के मुद्दे पर भी आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. शिवराज सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह ने आरोप लगाया है कि, जब दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे तो उनके कार्यकाल में बाल विवाह की दर में 57% की बढ़ोतरी हुई थी. इसपर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि, बीजेपी सरकार झूठे आरोप लगा रही है.
दरअसल, इस बार विधानसभा चुनाव को सभी राजनीतिक दलों ने महिलाओं पर फोकस कर दिया है. एक तरफ महिलाओं से जुड़ी योजनाएं चलाई जा रही हैं. वहीं दूसरी तरफ महिलाओं से जुड़े मामलों को भी जमकर उठाया जा रहा है. हाल ही में स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल महिलाओं पर अत्याचार के साथ-साथ बाल विवाह के मामलों में भी बढ़ोतरी होने का आरोप लगाया है. इंदर सिंह के मुताबिक दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में महिलाओं की स्थिति बेहद खराब हो गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ा था. महिलाओं को पोषण आहार तक नहीं मिल पाए थे.
चुनाव आते ही याद आ गए बाल विवाह
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली लक्ष्मी, लाडली बहना सहित कई ऐसी योजनाएं निकाली, जिससे महिलाओं का जीवन बदलने का कार्य हुआ है. सामाजिक कुरीति जैसे बाल विवाह के मुद्दे पर भी दिग्विजय सिंह को घेरने की कोशिश की गई है. वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता के के मिश्रा के मुताबिक, बीजेपी को चुनाव आते ही महिलाओं की याद आ गई है. महिलाओं पर बीजेपी के कार्यकाल में जितने अत्याचार हुए हैं, वह सर्व विदित है. उन्होंने यह भी कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में बाल विवाह रोकने की सबसे ज्यादा कार्रवाई होती थी, इसलिए आंकड़े सबके सामने है.
आगे उन्होंने कहा कि, शिवराज सरकार बाल विवाह रोकने में भी नाकाम रही है. उज्जैन, इंदौर जैसे संभाग में महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार के मामले किस प्रकार बढ़े हैं यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि, शिवराज सिंह चौहान की सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं है
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