MP Election 2023: चुनाव से पहले शिवराज सरकार का बड़ा कदम, सरकारी नौकरी में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण
MP Election 2023: शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा और आचार संहिता जारी होने से पहले महिलाओं को 35 फीसदी सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का एलान किया है.
MP Assembly Election 2023: महिलाओं को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में 35% का आरक्षण देने का एलान किया है. सरकार ने कहा है कि सीधी भर्ती में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण मिलेगा. सीएम शिवराज की इस घोषणा के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके मुताबिक वन विभाग को छोड़कर सभी विभागों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण का फार्मूला लागू होगा. महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ये शिवराज सरकार का एक और बड़ा कदम बताया जा रहा है. फिलहाल, महिला आरक्षण प्रदेश में 33 फीसदी ही है.
बता दें कि मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान और आचार संहिता जारी होने से पहले आधी आबादी को साधने के लिए बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत मध्यप्रदेश में महिलाओं के लिए 35 फीसदी सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जाएगा. गौरतलब है कि बीते दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी अभी पुलिस विभाग में बेटियों की भर्ती केवल 30 फीसदी होती थी अब इसे बढ़ाकर 35% कर रहा हूं. बाकी जितनी भी नौकरियां हैं, उनमें भी 35% भर्ती बेटियों की ही होगी.
मध्य प्रदेश ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष प्रावधान) नियम, 1997 में संशोधन किया है, जिसमें वन विभाग को छोड़कर महिलाओं को भर्ती में 35% आरक्षण प्रदान किया गया है। pic.twitter.com/ELv03kIhGI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 5, 2023
महिला पत्रकारों को दी ये सुविधा
वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को पत्रकारों के लिए कई कल्याणकारी सुविधाओं की की घोषणा की थी. इनमें महिला पत्रकारों के लिए फेलोशिप और छोटे समाचार पत्रों के लिए विज्ञापनों की गारंटी शामिल है. मुख्यमंत्री 28 करोड़ रुपये की लागत से दो साल में बनने वाले स्टेट मीडिया सेंटर की आधारशिला रखने के बाद ये बातें बोली. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और (सरकार के) जनसंपर्क विभाग के माध्यम से विकासात्मक कार्यों का अध्ययन करने के लिए हर साल पांच महिला पत्रकारों को फेलोशिप मिलेगी.