MP Election: मध्य प्रदेश में प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन में शुल्क व्यवस्था को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस आमने-सामने है. अब कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है. कांग्रेस ने दावा किया है कि यदि उनकी सरकार बनी तो महाकालेश्वर मंदिर में सभी श्रद्धालुओं को निशुल्क दर्शन कराए जाएंगे. जबकि भाजपा ने भी सशुल्क दर्शन को लेकर बड़ा बयान दिया है. बता दें कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में जल्दी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को ढाई सौ रुपए की रसीद कटवाना पड़ती है. इसके अलावा यदि गर्भगृह में जाकर पूजन करना होता है तो प्रति श्रद्धालु 750 रुपए लिए जाते हैं. 


इसी प्रकार यदि प्रोटोकॉल के माध्यम से भस्म आरती में प्रवेश लेना होता है तो ₹200 प्रति श्रद्धालु के हिसाब से मंदिर समिति की ओर से रसीद दी जाती है. महाकालेश्वर मंदिर समिति ने शीघ्र और सुविधाजनक दर्शन को लेकर सशुल्क व्यवस्था की है. मंदिर समिति ने कुछ महीने पहले बैठक में निर्णय लिया था जिसके बाद नियमों को लागू कर दिया गया है. इससे मंदिर की आमदनी में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. हालांकि अब इस मुद्दे को कांग्रेस ने चुनावी मुद्दा बना दिया है. कांग्रेस के विधायक महेश परमार के मुताबिक यदि उनकी सरकार आती है तो महाकालेश्वर मंदिर में निशुल्क दर्शन व्यवस्था को लागू किया जाएगा. 


कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक मंदिर को व्यवसाय का अड्डा नहीं बनना चाहिए. पिछले कई दशक से मंदिर में निशुल्क दर्शन व्यवस्था चलाई जा रही थी. मगर बीजेपी ने सरकार आने के बाद मंदिर से भी वसूली शुरू कर दी गई. इससे गरीब शिव भक्तों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.


मंदिर में निशुल्क दर्शन की व्यवस्था- कलेक्टर
महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क दर्शन की व्यवस्था है. जिन श्रद्धालुओं को सुविधा लेना होती है वे शुल्क प्रदान करते हैं. मंदिर में लाखों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु निशुल्क दर्शन कर रहे हैं वर्तमान में गर्भगृह में प्रवेश भी बंद है.


कांग्रेस ने मंदिर को बनाया था भ्रष्टाचार का अड्डा- बीजेपी
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ विधायक पारस जैन के मुताबिक कांग्रेस की सरकार में मंदिर को भी भ्रष्टाचार का अड्डा बना लिया गया था. बीजेपी सरकार महाकाल लोक बनाकर मंदिर की व्यवस्थाओं के साथ-साथ उज्जैन के पर्यटन को बड़ी सौगात दी है. मंदिर में व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. इस प्रसिद्ध धार्मिक स्थल को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए.


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