MP Assembly Election 2023: कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) के उस वीडियो ने प्रत्याशियों के चयन को लेकर कांग्रेस पार्टी में दरार की चर्चा को हवा दे दी है, जिसमें वह शिवपुरी से एक नेता को टिकट नहीं दिए जाने पर पार्टी कार्यकर्ताओं से दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) के कपड़े फाड़ने के लिए कह रहे हैं. दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने मंगलवार को इस प्रकरण को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए विधानसभा चुनाव से पहले एकजुटता का रुख अपनाया. बता दें कि, वायरल वीडियो में कमलनाथ लोगों के एक समूह से, जो पार्टी नेता वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थक बताए जाते हैं, कहते सुनाई दे रहे हैं कि उन्होंने यह (रघुवंशी की सीट के चयन) मुद्दा दिग्विजय सिंह और उनके विधायक-पुत्र जयवर्धन सिंह पर छोड़ दिया था. इसके बाद कमलनाथ को लोगों से दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ने के लिए कहते हुए सुना जाता है.
वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक रघुवंशी इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस में शामिल हुए थे. उन्होंने शिवपुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने पिछोर से छह बार विधायक रहे के.पी. सिंह को शिवपुरी से मैदान में उतारा. रघुवंशी का टिकट कटने के बाद उनके समर्थक सोमवार को भोपाल में कमलनाथ के आवास पर एकत्र हुए. वीडियो में कमलनाथ, रघुवंशी के समर्थकों से बात कर रहे हैं और इसी दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके बेटे के बारे में टिप्पणी की. यह वीडियो सोशल मीडिया में सामने आने के बाद टिकट वितरण को लेकर विपक्षी पार्टी में दरार की अटकलें तेज हो गईं.
दिग्विजय सिंह ने की ये अपील
इसके बाद दिग्विजय सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट लिखकर टिकट से वंचित कांग्रेस नेताओं को धैर्यपूर्वक समाधान का आह्वान किया. वहीं मंगलवार को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों को 17 नवंबर के चुनावों के लिए राज्य की राजधानी में कांग्रेस के घोषणापत्र को जारी करने के दौरान एक साथ देखा गया और उन्होंने वीडियो के बारे में हल्के-फुल्के अंदाज में बात की. वीडियो को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि पूरे प्रकरण ने विपक्षी दल का असली चेहरा उजागर कर दिया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने विवाद को कम करने की कोशिश की.
दिग्विजय सिंह ने क्या कहा?
दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ, भाजपा और कांग्रेस के एक्स हैंडल को टैग करते हुए कहा, ‘‘जब एक परिवार बड़ा होता है, तो सामूहिक खुशी और सामूहिक संघर्ष दोनों होते हैं. बुद्धि यही कहती है कि बड़ों को धैर्यपूर्वक समाधान निकालना चाहिए. भगवान भी उन्हीं का साथ देते हैं जिनके पास बड़ा दिल और कड़ी मेहनत का मेल होता है.” वहीं घोषणापत्र जारी करने के कार्यक्रम में कमलनाथ ने कहा कि, वह सबसे पहले दिग्विजय सिंह के ‘कपड़े फाड़ने’ वाले बयान के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब देना चाहते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह के साथ उनका रिश्ता राजनीति से परे होकर पारिवारिक है.
कमलनाथ ने दी सफाई
कमलनाथ ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, दिग्विजय सिंह और मेरे बीच के रिश्ते बहुत पुराने हैं, यह राजनीतिक नहीं, पारिवारिक हैं. ये प्यार के, मजाक के रिश्ते हैं. मैंने उन्हें एक पावर ऑफ अटॉर्नी बहुत पहले दे रखी है, वह है कमलनाथ के लिए गालियां खाने की. ये पावर ऑफ अटॉर्नी आज तक वैध है. इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा, भईया ए और बी फॉर्म पर दस्तखत किसके होते हैं पीसीसी अध्यक्ष के, तो कपड़े किसके फटने चाहिए बताओ? दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह भी पता चलना चाहिए कि गलती कौन कर रहा है.
सीएम शिवराज ने किया तंज
इस पर कमलनाथ ने सिंह के साथ लंबे पारिवारिक संबंधों का जिक्र करते हुए जवाब दिया, देखिये, गलती हो या नहीं हो, गाली इन्हें (दिग्विजय सिंह की ओर इशारा करते हुए) ही खानी है. इसके बाद बातचीत दिग्विजय सिंह की इस बात के साथ समाप्त हो गई कि, विष पीना शंकर जी का काम है, तो पीयेंगे. इस बीच, एक वीडियो बयान में कांग्रेस नेता रघुवंशी ने अपने समर्थकों से शांत रहने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, मैं एक दुष्चक्र में फंस गया हूं. मुझे उम्मीद है कि शीर्ष नेतृत्व इस पर ध्यान देगा. उचित विचार के बाद नेतृत्व हमें सेवा करने का मौका देगा. वहीं इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, यह कांग्रेस का असली चेहरा है, एक पूर्व मुख्यमंत्री दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री और उनके बेटे के कपड़े फाड़ने की बात कह रहे हैं.
हर किसी को टिकट देना संभव नहीं
वहीं मंगलवार दोपहर को दिग्विजय सिंह ने ‘एक्स’ पर कहा कि कमलनाथ के साथ उनके पारिवारिक संबंध 1980 से पुराने हैं. उन्होंने दिन में मंच पर उनके और कमलनाथ के बीच हुई बातचीत का वीडियो साझा करते हुए कहा कि, हमारे बीच कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं. दो दोस्तों के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन हमारे बीच कोई मनमुटाव नहीं है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन करना एक कठिन काम रहा है क्योंकि 230 विधानसभा सीटों के लिए 4,000 से अधिक टिकट के इच्छुक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. उन्होंने कहा, असंतोष होना स्वाभाविक है क्योंकि हर उम्मीदवार सोचता है कि वह चुनाव जीत सकता है.