MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश के छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अपने इस्तीफे की मांग को लेकर आमला से भोपाल तक की पैदल न्याय यात्रा निकाली है. डिप्टी कलेक्टर की यात्रा आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले की बुधनी विधानसभा में प्रवेश करने जा रही है. इससे एक दिन पूर्व यात्रा इटारसी पहुंची. इटारसी में मीडिया को संबोधित करते हुए निशा बांगरे ने कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार दोहरी राजनीति कर रही है. एक तरफ तो महिला आरक्षण के नाम पर वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है तो दूसरी तरफ मुझे चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है. 


बता दें डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे द्वारा बैतूल के आमला से न्याय पैदल यात्रा निकाली जा रही है. न्याय यात्रा के आज 6 दिन पूरे हो गए हैं. न्याय यात्रा आज सीएम शिवराज सिंह चौहान की बुधनी विधानसभा में प्रवेश करेगी. न्याय यात्रा होशंगाबाद के रास्ते बुधनी आएगी, जहां से सलकनपुर पहुंचेगी. डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने माता विजयासन के दर्शन करेंगी. इसके बाद निशा बांगरे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ग्राम जैत पहुंचेंगी. 


कांग्रेसियों ने किया स्वागत


इधर इटारसी पहुंचने पर डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की न्याय यात्रा का कांग्रेसियों ने भव्य स्वागत किया है. निशा बांगरे ने संबोधित करते हुए कहा कि एमपी सरकार दोहरी राजनीति कर रही है. एक तरफ राजनीति में महिला आरक्षण देने की बात कर रही है, जबकि दूसरी ओर महिलाएं राजनीति में आना चाहती है तो शिवराज सरकार उन्हें राजनीति में आने से रोक रही है. 


3 साल के बेटे को छोड़ा घर


बता दें डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने 6 दिन पहले बैतूल के आमला से न्याय पदयात्रा शुरू की है. डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपने 3 साल के बेटे को पर ही छोड़ दिया है और पैदल ही भोपाल के लिए रवाना हुई थी. निशा बांगरे 335 किलोमीटर की पदयात्रा कर भोपाल पहुंचेंगी. निशा बांगरे ने अपने हाथों में भारत का संविदा और भगवत गीता लेकर चल रही हैं.


27 जून को दिया था त्यागपत्र


बता दें कि, आमला में सर्व-धर्म शांति सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति न देने के बाद निशा बांगरे ने 27 जून को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था, जिसे शासन द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा है. निशा बांगरे का कहना है कि तरह-तरह के पेंच लगाकर उन्हें न्याय से वंचित किया जा रहा है. न्यायालय में भी गलत जानकारी प्रस्तुत की जा रही है. पदयात्रा निकालने से पहले सोमवार को बैतूल कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर तीन दिन में निर्णय लेने की उन्होंने मांग की थी, जिस पर भी सरकार ने कुछ नहीं किया. नतीजतन अब पदयात्रा निकालकर भोपाल पहुंच रही हूं.


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